लगातार बारिश, ओलावृष्टि और पहाड़ दरकने से उत्तराखण्ड के रास्ते आने-जाने लायक नहीं है। किसान परेशान हैं। उनके बगीचों में लगे सेब पेड़ों पर ही खराब हो रहे हैं। यही हाल आलू की फसल का भी, जिसे मंडियों तक पहुंचाने का कोई रास्ता नहीं है। उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला अपने फलों व सब्जियों की अच्छी किस्म के लिए पहचाना जाता है।
उत्तरकाशी जिले में बारिश के कारण सबसे अधिक संपर्क मार्ग नौगांव, भटवाड़ी तथा मोरी ब्लाक में बंद हैं। टिकोची-दुचाणु-किराणु- शिलोली मोटर मार्ग 15 दिन से बाधित है। मार्ग पर जमे मलबा और भूस्खलन से यातायात सुविधा ठप है। यातायात सेवा बाधित होने से ग्रामीणों को कई किलोमीटर पैदल आवाजाही करनी पड़ रही है। यह क्षेत्र सेब की पैदावार के लिए जाना जाता है।
सेब की फसल तैयार होने को है, लेकिन सड़कें बंद होने के कारण खरीददार बगीचों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
मोरी ब्लाक की खरसाड़ी जीवाणु सड़क 23 जुलाई से बंद पड़ी है। डोभाल गांव, खिडनी, डांडा गांव, देवजानी, जीवाणु व कुमणाई गांव को जोड़ने वाली इस सड़क से ही सेबों की आपूर्ति होती है। देवजानी क्षेत्र में सेब के बगीचे हैं। इस सड़क के जल्दी खुलने की उम्मीद नहीं है। मोरी के दुचाणु निवासी गुमान ¨सह चौहान और करमचंद चौहान बताते हैं कि कोठीगाड़, बंगाण क्षेत्र में सड़क क्षतिग्रस्त है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
सड़क बंद होने से ट्रांसपोर्टर और सेब के बगीचों के मालिक परेशान हैं। वहीं नौगांव ब्लाक के सरनौल व सर बडियार के गांवों को जोड़ने वाला मार्ग 24 जुलाई से बंद है। सरनौल व सर बडियार क्षेत्र में आलू की पैदावार शुरू होने वाली है, लेकिन सड़क बंद होने के कारण काश्तकारों को अपनी फसल के सड़ने का डर सता रहा है। यह मार्ग पीएमजीएसवाई पुरोला के पास है।
अधिकारियों का कहना है कि यह मार्ग 15 सितंबर के बाद ही खुल पाएगा। नौगांव में चोपड़ा-कसलाना मोटर मार्ग पिछले 25 दिन से बंद पड़ा है। यहां ग्रामीणों को गांव तक पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। पैदल मार्ग भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त है।
लोनिवि पुरोला खंड अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार ने बताया कि सहायक अभियंता और अवर अभियंता को दुचाणु, किराणु व मोरी क्षेत्र के बंद मोटर मार्ग को जेसीबी की मदद से खोलने के लिए निर्देशित किया जा चुका है।