tag manger - बाज़ार में दालों की कीमतें कम होने के आसार नहीं, बिगड़ा रसोई व होटल का बजट – KhalihanNews
Breaking News

बाज़ार में दालों की कीमतें कम होने के आसार नहीं, बिगड़ा रसोई व होटल का बजट

लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद महंगाई को लेकर लोग चिंतित हैं। तेज गर्मी और मानसून में देरी से सब्जियों के दाम बढ़े हैं। दालों में चुनाव से पहले ही तेजी थी। इधर, बेतहाशा गर्मी से पशुओं का दूध कम हुआ है और सभी दूध कंपनियों ने दो रुपये प्रति लीटर दूध के दाम बढ़ा दिए हैं। इसका सीधा असर रसोई के बजट पर पड़ा है।

गठबंधन वाली मोदी -सरकार का मानना है कि जल्दी ही हालात पर काबू पाया जायेगा। बेहतर मानसून की उम्मीद और आयात बढ़ने से तुअर (अरहर), चना और उड़द दाल की कीमतों में जुलाई महीने से नरमी आने की संभावना है। यह बात केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने शुक्रवार को कही। उन्होंने कहा कि अगले महीने से इन तीन दालों का आयात भी बढ़ेगा और इससे घरेलू आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी।

आबादी बढ़ने के साथ दलहन की खपत बढ़ी है। बेतहाशा गर्मी से हरी सब्जियों की कमी है। फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में अरहर का उत्पादन 33.85 लाख टन रहा, जबकि खपत 44-45 लाख टन रहने का अनुमान है। चना उत्पादन 115.76 लाख टन रहा, जबकि देश में चने की मांग 119 लाख टन है। उड़द के मामले में, उत्पादन 23 लाख टन रहा, वहीं इसकी खपत 33 लाख टन अनुमानित है। मांग और आपूर्ति के बीच अंतर को आयात के जरिए पूरा किया जाता है।

सब्जियों के बारे में बोलते हुए खरे ने कहा कि मानसून की बारिश का खुदरा कीमतों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आलू की मांग बढ़ गई है क्योंकि लू ने हरी सब्जियों की फसल को प्रभावित किया है। सरकार ने बफर स्टॉक के लिए प्याज की खरीद शुरू कर दी है और 35,000 टन प्याज पहले ही खरीदा जा चुका है। सरकार कोल्ड स्टोरेज और विकिरण प्रक्रिया के माध्यम से प्याज के भंडारण समय को बढ़ाने की भी प्रयास कर रही है।

About admin

Check Also

एथेनॉल के ल‍िए मक्का की खेती बढ़ाने में जुटा भारत

एथेनॉल के ल‍िए मक्का की खेती बढ़ाने में जुटा भारत

देश के विभिन्न हिस्सों में पानी के संकट और लगातार बदलती आबोहवा के मद्देनजर सरकारों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *