पश्चिमी उत्तर प्रदेश गन्ना किसानों का इलाका है। गन्ना विभाग गन्ना उत्पादन बढ़ाने के प्रयास और प्रयोग कर रहा है। चीनी मिलों की पेराई क्षमता बढ़ाने के साथ मिलों से ज्यादा चीनी की उम्मीद की जा रही है। दूसरी ओर गन्ना की फ़सल में चोटी बेधक कीट का तेजी से असर बढ़ा है। मुरादाबाद मंडल में इस रोग की वजह से किसान चिंतित हैं।
मुरादाबाद मंडल में रामपुर, बिजनौर, अमरोहा, हसनपुर, बहजोई, ठाकुरद्वारा, गजरौला, धनौरा,कांठ, शाहबाद, बिलासपुर,चांदपुर, धामपुर, स्योहारा, नजीबाबाद,मिल्क जैसे इलाकों में गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति गन्ना की फ़सल पर निर्भर है। इन दिनों गन्ना विभाग किसानों के सवे॔क्षण के बाद अगले गन्ना-सीजन के अनुमान का आंकलन करने में जुटा है।
मिली जानकारी के अनुसार इस बार मंडल में टॉप बोरर (चोटी भेदक) बीमारी ने गन्ने की 0238 प्रजाति पर हमला किया है। खासकर अप्रैल-मई महीने में बोई गई गन्ने की फसल को यह कीट नुकसान पहुंचा रहा है। किसान, तैयार होती फसल में बीमारी रोकने के लिए विभिन्न उपाय कर रहे हैं। गौरतलब है कि मुरादाबाद मंडल के पांचों जिलों के किसानों ने पिछली साल चार लाख 68 हजार हेक्टेयर जमीन में गन्ने की खेती की थी। इस साल गन्ने का क्षेत्रफल बढ़कर पांच लाख 14 हजार हेक्टेयर हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार बिजनौर के स्योहारा , नजीबाबाद व संभल जनपद में पिछले कुछ दिनों में गन्ने की 0238 प्रजाति पर चोटी बेधक (टॉप बोरर) बीमारी ने हमला कर दिया है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, फसल पर हमला करने वाली यह टॉप बोरर की तीसरी पीढ़ी है। khalihannews.com समय रहते इस पर नियंत्रण पाना चाहिए, वरना गन्ना फसल को भारी नुकसान होगा।
इलाक़ा के किसानों को गन्ने के चोटी बेधक लोग से बचाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. महावीर सिंह की सलाह के अनुसार, टॉप बोरर से फसल को बचाने के लिए उसे के प्रभावित कल्लों को काट दें और कोराजन की 150 मिलीलीटर मात्रा को चार सौ लीटर पानी में घोलकर गन्ने की जड़ों के पास धार बनाकर डालें। दवाई डालने के बाद खेत की सिंचाई कर दें। यह सब करने के बाद प्रति बीघा दस किलोग्राम यूरिया भी डाल दें। इसके अलावा फटेरा की सात किलोग्राम मात्रा को यूरिया में मिलाकर डाल दें। इससे इस रोग को समय से नियंत्रित करना संभव हो सकता है।
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