राजस्थान में कुछ ही जिलों में खेती के लिए पानी है| इसके बावजूद दो गांव खेती की तकनीक में बदलाव करके महंगी आरामदायक कारों में चल हैं| इन इलाकों 40 से ज्यादा किसान करोड़पति हैं|
राजधानी जयपुर से 35 किलोमीटर दूर बसा है गुढ़ा कुमावतान और बसेड़ी गांव| पूरे देश में इस गांव की पहचान करोड़पति किसानों के गांव रूप में होती है| इस गांव में 40 किसान ऐसे हैं जो आधुनिक खेती करके करोड़पति हैं और महंगी लग्जरी गाड़ियां तक इस्तेमाल करते हैं| पूरा गांव इजराइल में होने वाले एग्रीकल्चर टेक्नीक को फॉलो कर रहा है. इसलिए इसे ‘मिनी इजरायल’ भी कहते हैं|
इस पूरे बदलाव के पीछे पॉलीहाउस लगाकर नियंत्रित तापमान में खेती करने की तकनीक है| यहां 6 किलोमीटर के एरिया में 300 से ज्यादा पॉली हाउस हैं| इसी की बदौलत यहां के किसानों की किस्मत बदल गई| गांव में 40 किसान ऐसे हैं जो 10 साल में करोड़पति बन गए हैं| इस तकनीक को गांव के ही एक किसान खेमाराम इजराइल से सीखकर आए|
इजराइली तकनीक से पॉलीहाउस, शेडनेट हाउस में सब्जियों की खेती करके प्रगतिशील किसान लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं| इससे करोड़पति किसानों का एक नया वर्ग तैयार हो गया है| इस पूरे बदलाव के पीछे पॉलीहाउस लगाकर नियंत्रित तापमान में खेती करने की तकनीक है|
पानी की कमी से जूझने वाले इस क्षेत्र का नक्शा इजराइली तकनीक की खेती ने बदला है| आज से 10 साल पहले गुढ़ा कुमावतान गांव के प्रगतिशील किसान खेमाराम को राजस्थान सरकार के सहयोग से इजराइल टूर पर जाने का मौका मिला| वहां पर कम पानी के बावजूद नियंत्रित तापमान में पॉलीहाउस की खेती को देखा और समझा| वापस आकर खेमाराम ने सरकारी सहयोग से 10 साल पहले इस इलाके में पहला पॉलीहाउस लगाया|