हिमालयी क्षेत्रों में तापमान बढ़ने से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। इनके पिघलने से सतलुज बेसिन पर झीलों की संख्या में इजाफा हुआ है। राज्य के विज्ञान, पर्यावरण एवं प्रौद्योगिकी परिषद (हिमकॉस्ट) के क्लाइमेंट चेंज सेंटर शिमला के ताजा सर्वेक्षण में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
सैटेलाइट तस्वीरों से किए गए सर्वे में पता चला है कि सतलुज बेसिन पर ग्लेशियरों पिघलने से झीलों की संख्या 995 पहुंच गई है। 2019 में सतलुज बेसिन पर 769 झीलें थी।
हिमकॉस्ट ने यह सर्वे अप्पर सतलुज, लोअर सतलुज बेसिन और स्पीति बेसिन पर किया है। तीनों ही बेसिन पर झीलों की संख्या बढ़ी है। हिमकाॅस्ट ने सरकार को रिपोर्ट सौंपकर नियमित पर इनकी मॉनीटरिंग करने की सिफारिश की है। हिमालयी क्षेत्रों में बढ़ती झीलों की प्रवृति अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा।
सर्वेक्षण से पता चला कि सतलुज बेसिन पर 995 झीलें हो गई हैं। क्लाइमेट चेंज और ऊंचे क्षेत्रों में तापमान बढ़ने से ऐसा हो रहा है। 10 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैली झीलों की संख्या दो साल में बढ़ी हैं। इनकी निगरानी जरूरी है। प्रदेश समेत कई राज्यों के लिए यह धोखा भी हो सकता है।