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कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कम करने और लो-कैलोरी वाली है शिमला मिर्च, 5 उन्नत किस्में

शिमला मिर्च हरी सब्जी है। इसकी खेती सभी राज्यों में होती है। इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के और फाइबर प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। शिमला मिर्च में कैलोरी न के बराबर होती है। शिमला मिर्च के सेवन से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। यही वजह है कि मंडी में शिमला मिर्च की हमेशा मांग रहती है।अब, शिमला मिर्च साल भर मिलती है।

शिमला मिर्च की पहली बुवाई जून से जुलाई महीने के बीच की जाती है। दूसरी बुवाई का सीजन अगस्त से सितंबर महीने तक चलता है। वहीं, कई राज्यों में किसान नवंबर और दिसंबर महीने में भी शिमला मिर्ची की बुवाई करते हैं। यही वजह है कि शिमला मिर्च सालभर बाजार में मिलती है। किसानों के लिए इसकी खेती अब मुनाफा देने वाली है।

देश में शिमला मिर्च की कई ऐसी किस्में हैं, जिसकी खेती करें पर अच्छी पैदावार मिलेगी। तो आइए जानते हैं इन बेहतरीन किस्मों के बारे में–

ओरोबेल: ठंडे प्रदेशों में ओरोबेल शिमला मिर्च की खेती करने पर अच्छी उपज मिलती है। यह शिमला मिर्च की एक ऐसी किस्म है, जो सर्द मौसम में तेजी से बढ़ती है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे ठंड प्रदेश के किसान ओरोबेल की खेती कर सकते हैं। पॉलीहाउस और खुले मैदान में भी इसकी खेती कर सकते हैं। इसकी मिर्च का रंग पीला होता है, जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक पाई जाती है।

सोलन हाइब्रिड-2 : शिमला मिर्च की एक हाइब्रिड किस्म है। यह अधिक पैदावार के लिए जानी जाती है। सोलन हाइब्रिड-2 की खासियत है कि फसल बहुत कम दिनों में ही तैयार हो जाती है।अगर किसान सोलन हाइब्रिड-2 की रोपाई करते हैं, तो 60 से 65 दिनों में ही शिमला मिर्च का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसकी पैदावार क्षमता 135 से 150 क्विंटल प्रति एकड़ है।

बॉम्बे : इस किस्म की खेती करने पर लाल रंग की शिमला मिर्च की पैदावार होती है। इसकी एक मिर्च का वजन ही करीब 120 से 150 ग्राम तक होता है। यह शिमला मिर्च पकने के बाद बिल्कुल रंग की तरह लाल हो जाती है। छायादार स्थान पर इसकी खेती पर बंपर उपज मिलेगी।

इन्द्रा : शिमला मिर्च की इन्द्रा अच्छी उपज देने वाली शानदार किस्म है। इसकी एक मिर्च का वज़न 100 से 150 ग्राम तक होता है। पैदावार की बात करें, तो एक एकड़ में इसकी खेती करके 110 क्विंटल तक शिमला मिर्च को प्रोडक्शन मिल सकता है।

कैलिफोर्निया वन्डर : शिमला मिर्च की यह एक विदेशी किस्म है। इसकी रोपाई करने पर 75 दिनों में फसल तैयार हो जाती है। किसान एक हेक्टेयर में इसकी खेती करते हैं, तो 125 से 150 क्विंटल तक उपज मिल सकती है। अपनी बेहतर उसज के कारण यह बाजार में अच्छा मुनाफ़ा देती है।

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