चीन में बढ़ती जीरे की मांग को पूरा करने के लिए भारतीय व्यापारी बड़े स्तर पर मंडियों से जीरे का निर्यात चीन में कर रहे हैं | इससे स्थानीय मार्केट में जीरे की कमी हो गई, जिससे रेट में इजाफा हो गया | पिछले 12 दिनों के अंदर भारत ने चीन में 350 कंटेनर जीरे का निर्यात किया है | वहीं, चीन के बाद बांग्लादेश ने भी जीरे का निर्यात किया जा रहा है | हालांकि, फिलहाल देश में जीरे की घरेलू मांग की तुलना में केवल 15 से 20 फीसदी ही है |
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से जीरे के उत्पादन में गिरावट आई है | इससे प्रोसेसिंग यूनिट में जीरे का स्टॉक कम पड़ गया है | इसी बीच चीन में बढ़ती जीरे की मांग ने कीमत में बढ़ोती के लिए मजबूत रास्ता बना दिया | ऐसे में कुछ महीने के अंदर ही जीरा देखते ही देखते 50 फीसदी से ज्यादा महंगा हो गया |
भारत में जीरे की गुजरात की ऊंझा सहित अन्य प्रमुख मंडियों में अप्रैल महीने में जीरे की अनुमानित आवक 55 से 60 लाख बोरी होनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, 50 लाख बोरी पर ही आवक रूक गई |
इस तरह देश के सबसे बड़े उंझा मंडी में जीरे की आवक प्रभावित हुई है | यहां एक महीने पहले रोज 30,000 से 35,000 बोरी जीरे की आवक होती थी, लेकिन अब घटकर 7,000 से 8,000 बोरी पर पहुंच गई है | वहीं, राजस्थान के मंडियो में रोज 7,000 से 8,000 बैग ही जीरे की आवक हो रही है |
बता दें कि अफगानिस्तान औऱ सिरिया में जीरे की नई फसल 20 जून के बाद मंडियों में आ जाएगी | अफगानिस्तान में इस बार जीरे की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है | वहीं, सीरिया में 30,000 टन जीरा उत्पदान का सक्ष्य निर्धारित किया गया है | जानकारों का कहना है कि अफगानिस्तान औऱ सीरिया का जीरा जब मार्केट में पहुंचेगा, तो कीमतों में कुछ गिरावट आ सकती है |