भारतीय बासमती चावल की मांग ज्यादा है। खाड़ी के देशों की तरह से यह न्यूज़ीलैंड में भी पसंद किया जाता है। न्यूजीलैंड की ओर से ट्रेडमार्क का आवेदन ठुकराए जाने के बाद इस बात की आशंका प्रबल हो गई है कि यह मामला कोर्ट में जाएगा। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में बासमती का मामला वहां के फेडरल कोर्ट में जा चुका है. फरवरी 2023 में वहां के कोर्ट में मुकदमा दायर हुआ था, तब से यह विचाराधीन है।
माना जाता है कि न्यूजीलैंड ने भारत के बासमती को ट्रेडमार्क का दर्जा देने से इनकार कर दिया है। न्यूजीलैंड में यह ट्रेडमार्क वैसे ही है जैसे भारत में जीआई टैग दिया जाता है। न्यूजीलैंड ने तर्क दिया है भारत जिस बासमती के लिए ट्रेडमार्क की मांग कर रहा है, वैसा सुगंधित बासमती चावल और भी कई देशों में उगाया जाता है। दरअसल, इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी ऑफिस ऑफ न्यूजीलैंड (IPONZ) ने भारत के बासमती को सर्टिफिकेशन देने से मना किया है। इपोंज ने कहा है कि भारत से बाहर भी कई देशों में यह सुगंधित चावल उगाया जाता है और ट्रेडमार्क की उनकी मांग भी जायज है।
गौरतलब है कि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने भारत की ऐसी ही एक मांग को खारिज कर दिया था। वर्ष 2023 में ऑस्ट्रेलिया से बासमती चावल को जीआई टैग देने की मांग की गई थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने इनकार कर दिया। ऑस्ट्रेलिया में आईपी ऑस्ट्रेलिया संस्था जीआई टैग देने का काम करती है। इसने भारत के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सुगंधित बासमती चावल केवल भारत में ही नहीं उगाया जाता बल्कि और कई देशों में भी इसकी पैदावार होती है।
मिली जानकारी अनुसार एपीडा यानी कि एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी ही भारत से एक्सपोर्ट प्रमोट करता है और जीआई रजिस्ट्रेशन का ध्यान रखता है। इसी एपीडा ने न्यूजीलैंड में बासमती के लिए ट्रेडमार्क का आवेदन दिया था, लेकिन उसे ठुकरा दिया गया है। भारत ने बासमती की क्वालिटी को बनाए रखने और उसकी पहचान के संरक्षण के लिए ट्रेडमार्क की मांग की थी। इस पर इपोंज ने तर्क दिया कि भारत ने जो साक्ष्य मुहैया कराए, ठीक उसी तरह के साक्ष्य पाकिस्तान ने भी दिए और उसने भी ट्रेडमार्क की मांग की है। हालांकि पाकिस्तान की मांग को भी ठंड बस्ते में डाल दिया गया है और बाकी के साक्ष्य मांगे गए हैं।
आस्ट्रेलिया के बाद अब न्यूजीलैंड की ओर से ट्रेडमार्क का आवेदन ठुकराए जाने के बाद इस बात की आशंका प्रबल हो गई है कि यह मामला कोर्ट में जाएगा। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में बासमती का मामला वहां के फेडरल कोर्ट में जा चुका है। फरवरी 2023 में वहां के कोर्ट में मुकदमा दायर हुआ था, तब से यह विचाराधीन है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से पहले यूरोपियन यूनियन भी भारत के बासमती को जीआई टैग देने से मना कर दिया है।