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पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब-सरकार देगी 22 हज़ार पराली निपटारा मशीनें

पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब-सरकार देगी 22 हज़ार पराली निपटारा मशीनें

धान की फ़सल जाड़ा आने के साथ पक जायेगी। धान की फसल के अवशेष के रूप में पराली को हटाने के लिए किसान इसे खेत में ही जलाते हैं। पराली जलाने से पंजाब के पड़ोसी सूबों में वायु प्रदूषण की समस्या अब वार्षिक संकट है। पंजाब सरकार ने पराली जलाने की प्रथा को समाप्त करने के लिए किसानों को बाइस हजार मशीनें देना तय किया है।

धान की कटाई के मौसम 2024-25 के दौरान किसानों को सब्सिडी पर सीआरएम मशीनें मुहैया कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि किसान इन मशीनों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं. जबकि 80 प्रतिशत सब्सिडी सहकारी समितियों और पंचायतों के लिए है. सीधी बुवाई वाले चावल (डीएसआर) टेक्‍नोलॉजी के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुंडियां ने किसानों की तारीफ की है। पंजाब सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए 500 करोड़ रुपये का एक्‍शन प्‍लान तैयार किया है।

पंजाब में धान की सीधी बिजाई के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। सरकार को इस मामले में सफलता मिल रही है। खुंदिया ने कहा कि राज्य में पिछले साल की तुलना में इस ‘वॉटर कंजर्वेशन’ टेक्‍नोलॉजी के तहत क्षेत्र में 28 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। डीएसआर टेक्‍नोलॉजी के तहत अब तक करीब 2.20 लाख एकड़ जमीन पर बुवाई हो चुकी है। जबकि पिछले साल 1.72 लाख एकड़ जमीन पर बुवाई हुई थी। पंजाब ने 5 लाख एकड़ जमीन को डीएसआर टेक्‍नोलॉजी के तहत लाने का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार किसानों को डीएसआर तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रति एकड़ 1,500 रुपये की आर्थिक मदद देती है।

किसानों को फसलों की सिंचाई के पानी को बचाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पंजाब में ज़मीन के नीचे पानी और नीचे जाने से खेती संकट में है। श्री खुंडिया ने पिछले दिनों कहा था कि इस योजना के तहत सुपर एसएमएस, सुपर सीडर, सरफेस सीडर, स्मार्ट सीडर, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चॉपर, श्रेडर, मल्चर, हाइड्रोलिक रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लाऊ, इन-सीटू प्रबंधन के लिए जीरो टिल ड्रिल और एक्स-सीटू मशीनों के लिए बेलर और रेक सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

धान की कटाई के मौसम 2024-25 के दौरान किसानों को सब्सिडी पर सीआरएम मशीनें मुहैया कराई जाएंगी। किसान इन मशीनों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। जबकि 80 प्रतिशत सब्सिडी सहकारी समितियों और पंचायतों के लिए है।

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