बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का दावा है कि काला अमरूद में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है जो बुढ़ापा आने से रोकता है| इसे खाने से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है|
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक किसी को भी इसकी विशेषता के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी|इसकी विशेषता के संबंध में अब जब यह सब कुछ सामने आया है तो फिर इसकी मांगे बढ़ेगी|
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान (शोध) के सह निदेशक डॉ. फिजा अहमद ने बताया कि बीएयू में पहली बार यह फल लगा है| यहां की मिट्टी व वातावरण इस फल के लिए उपयुक्त है| दो साल में यह फल देने लगता है| अब इसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है, ताकि यह बाजार में बिक सके|
बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) भागलपुर में दो साल पहले अमरूद का पौधा लगाया गया था, उसमें फल लगना अब शुरू हो गया है| बताया जा रहा है कि एक-एक पौधे में चार से पांच किलो का फलन हुआ है| एक अमरूद औसतन सौ-सौ ग्राम के आसपास का है|
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान (शोध) के सह निदेशक डॉ. फिजा अहमद ने दावा किया कि भविष्य में हरे अमरूद की तुलना में इसकी व्यवसायिक दर 10 से 20 प्रतिशत अधिक होगी| आमतौर पर अमरूद 30 रुपये से 60 रुपये किलो तक बिकता है|