tag manger - नैनो यूरिया की तरह अब डीएपी खाद भी बोतल में, आठ कारखानों में हुई तैयारी – KhalihanNews
Breaking News

नैनो यूरिया की तरह अब डीएपी खाद भी बोतल में, आठ कारखानों में हुई तैयारी

पहले किसान 50 किलो की बोरी उठाते थे, अब बोतल में खाद आ रही है। ढुलाई का खर्च कम होने के कारण यह नैनो फर्टिलाइजर किसानों की आय बढ़ाने में मददगार होगी। सस्ती और बेहतर उत्पादन वाली खाद मिलेगी। इससे मिट्टी की उर्वर क्षमता कम नहीं होगी।

नैनो डीएपी के बाद नैनो जिंक और नैनो कापर व नैनो सल्फर बोरान भी बनेगी। फील्ड ट्रायल पूरा होने के बाद फर्टिलाइजर कंट्रोल आर्डर से जोडऩे की तैयारी में इफको जुटा है। देश के 1100 स्थानों पर करीब दो दर्जन फसलों पर नैनो डीएपी का ट्रायल किया गया है। इसे विभिन्न फसलों पर इस्तेमाल करके परखा गया है कि यह आए हैं।

गुजरात प्रदेश के कलोल स्थित नैनो बायोटेक्नालॉजी रिसर्स सेंटर (NBRC) में शोध का कार्य जारी है.देश के किसानों को 50 किलो बोरी का बोझ और दामों की मार से राहत मिलें। एनबीआरसी में नैनो यूरिया के अलावा नैनो जिंक, नैनो कॉपर और नैनो डीएपी का भी विकास किया गया है. इनका फील्ड ट्रायल भी लगभग अब पूरा कर लिया गया है. अब इन सभी को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर में जोड़ने की प्रक्रिया भी जारी है। यह काम पूरा होने के बाद उत्पादन शुरू हो जाएगा| ढुलाई का खर्च कम होने के कारण यह नैनो फर्टिलाइजर किसानों की आय बढ़ाने में मददगार है|

नैनो बायोटेक्नालॉजी रिसर्स सेंटर द्वारा बताया गया है कि देश के 1100 स्थानों पर करीब दो दर्जन फसलों पर नैनो डीएपी का सफल ट्रायल भी किया गया है| इसे विभिन्न फसलों पर इस्तेमाल करके पूरी तरह परखा गया है कि यह पारंपरिक डीएपी, जिंक और कॉपर के मुकाबले कितना बेहतर है| नैनो यूरिया की तरह ही डीएपी और सूक्ष्म पोषक तत्वों के परिणाम भी सामने अच्छे आए हैं|

कृषि क्षेत्र के जानकारों को पूरी उम्मीद है कि नैनो यूरिया की तरह ही डीएपी को भी किसान अवश्य अपना लेंगे| इसे आने के बाद किसानों को दोनों प्रमुख खादों यूरिया और डीएपी का फसलों पर सिर्फ स्प्रे करना पड़ेगा| नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और नैनो सूक्ष्म पोषक तत्वों के उत्पादन के लिए आंवला, फूलपुर, कलोल (विस्तार), बंगलुरु, पारादीप, कांडला, देवघर और गुवाहाटी में प्रोडक्शन प्लांट बनाने का कार्य प्रगति पर चल रहा है| इनमें उत्पादन शुरू होने के बाद देश में डीएपी की किल्लत नहीं होगी| पिछले रबी सीजन में किसानों ने डीएपी की बड़ी भारी किल्लत रही है| देश में लगभग 313000 टन डीएपी की खपत है|

देश भर के इन सभी यूनिटों की उत्पादन क्षमता 2 लाख बोतल प्रति दिन की होगी| इनकी स्थापना के लिए कुल 3000 करोड़ का निवेश भी किया जाएगा. जिसमें से 720 करोड़ की रकम पहले से ही आवंटित है| दावा है कि इन प्लांटों से लगभग 1000 लोगों को रोजगार भी मिलेगा| गुजरात की कलोल यूनिट में ही शुरुआती दौर में नैनो डीएपी और नैनो जिंक, कॉपर, सल्फर बोरान की बोतलें तैयार होंगी|

नैनो यूरिया की शुरुआत देश में 31 मई 2021 को की गई थी.और इसकी 500 एमएल की एक बोतल 45 किलो यूरिया के बैग के बराबर है| इसकी सफलता मिलनी शुरू हुई तब इफको ने साथ में नैनो डीएपी का भी काम शुरू करवा दिया| इसी साल किसानों को नैनो डीएपी का भी तोहफा मिल सकता है| बताया गया है कि इसके फील्ड ट्रायल में अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं| नैनो बायोटेक्नालॉजी रिसर्स सेंटर की स्थापना 2018 में की गई थी ताकि विभिन्न नैनो उर्वरकों पर और ज्यादा रिसर्च किया जा सके|

About admin

Check Also

अब किसानों को बिना ज़मानत मिलेगा 2 लाख तक का ऋण

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए कृषि ऋण …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *