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कम समय और कम पानी से तैयार होने वाली धान की ज्यादा पैदावार वाली किस्में

सिंचाई के लिए पानी का संकट ज्यादातर सूबों में हैं। सभी सरकारों का प्रयास ऐसी फसलों को उगाने के लिए होता है जिसमें सिंचाई के लिए पानी का कम इस्तेमाल हो। पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने इस दिशा में प्रयास भी किए हैं। इन राज्यों में गेहूं के बाद धान की बासमती किस्मों को बोने में किसानों की रुचि अधिक है।धान की कम समय में उन्नत व ज्यादा पैदावार वाली की किस्में हैं। धान की खेती में लगने वाला समय किसानों के लिए बेहद ही अहम होता है। किसान चाहते हैं कि वह कम समय में पकने वाली धान की किस्‍मों की बुवाई करें। धान की ऐसी ही एक किस्‍म को बीते साल ही जारी किया गया है, जो 115 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। मालवीय मनीला सिंचित धान-1 की बात करें, जिसे अंतरराष्‍ट्रीय चावल अनुसंधान संस्‍थान और बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय ने संयुक्‍त रूप से जारी किया है।

जानकारों का कहना है कि मालवीय मनीला सिंचित धान-1 को उत्‍तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा के लिए जारी किया गया है। इस किस्‍म की विशेषताओं की बात करें तो ये 115 से 118 दिन में पक कर तैयार हो जाती है और इसका औसतन उत्‍पादन 64 क्‍विंटल प्रति हेक्‍टेयर तक है, जबकि इसका दाना पतला और लंबा होता है, जो बासमती की तरह दिखता है, जिसे बाजार में बेहतर दाम मिलने की पूरी संभावनाएं हैं। वहीं ये किस्‍म अन्‍य किस्‍मों के मुकाबले 30 दिन पहले तैयार हो जाती है, इस समय का उपयोग कर किसान दूसरी फसल की बुवाई भी कर सकते हैं। पंजाब और हरियाणा सहित देश के चावल पैदा करने वाले सूबों में धान की सीधी बिजाई पर जोर दिया जा रहा है। देशभर में धान की सीधी बिजाई को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके लिए धान की PR126 किस्म को बेस्‍ट माना जाता है। असल में धान की सीधी बिजाई के लिए दूसरी किस्‍मों को पक कर तैयार होने में 160 से अधिक दिन लगते हैं, जबकि सीधी बिजाई में धान की PR126 किस्म 123 दिन में पक कर तैयार हो जाती है।

सीधी बिजाई वाले इस धान की बात करें तो इस किस्‍म के उत्‍पादन में किसान 35 क्‍विंटल प्रति एकड़ तक उत्‍पादन प्राप्‍त कर सकते है। वहीं इस किस्‍म की खास बात ये है कि ये धान की अन्य किस्मों की तुलना में 20 फीसदी सिंंचाई में ही तैयार हो जाती है। धान की ये किस्‍म पंजाब और हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए मुफीद मानी जाती है, इसे पंजाब एग्रीकल्‍चर यूनिवर्सिटी ने तैयार किया है।

जहां तक प्रति एकड़ साठ कुंडल की औसत पैदावार में पंतनगर की विकसित धान की किस्म किसानों की पसंद में शामिल है। धान की धनवान बनाने वाली किस्‍मों में पंत धान-12 को भी शुमार किया जाता है। ये भी गैर बासमती धान की किस्‍म है, जाे 115 से 120 दिन यानी 4 महीने में पक कर तैयार हो जाता है। धान की इस किस्‍म को जीबी पंंत कृषि व प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय ने जारी किया था। इस किस्‍म के उत्‍पादन की बात करें तो प्रति हैक्‍टेयर औसतन 60 क्‍विंटल पैदावार देने में पंत धान-12 सक्षम है. इस किस्‍म के दाने पतले होते हैं। बाजार में इसका भाव 60 रुपये किलो तक रहता है। इस किस्‍म को बुंदलेखंड, पूर्वी यूपी, बिहार के लिए उपयुक्‍त माना जाता है।

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