चीन से लगातार तनाव के बीच भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की सात नई बटालियनों के गठन को भी स्वीकृति मिली है। साथ ही, सुरक्षा और मजबूत करने के लिए नया आॅपरेशन बेस भी बनेगा।
उत्तरी सीमा पर चीन से सटे पांच राज्यों के 2,966 गांवों का सर्वांगीण विकास किया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने इसके लिए वाइब्रेंट विलेज योजना को मंजूरी दी है। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम से सरकार की योजना उत्तरी सीमा से जुड़े सभी गांवों से पांच साल में पलायन रोकने, इन गांवों में सभी बुनियादी सुविधाएं और स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने की है।
केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने बताया, कैबिनेट ने जनवरी 2020 में आईटीबीपी की 47 सीमा चौकी और 12 कैंप स्थापित करने को मंजूरी दी थी। इनका कार्य प्रगति पर है। इनके लिए अतिरिक्त बलों की जरूरत होगी, इसलिए नई बटालियन बनेंगी। ऑपरेशनल बेस के लिए 9,440 पद सृजित होंगे। कार्यालय, आवास निर्माण पर 1,808 करोड़ व वेतन, राशन सहित अन्य सुविधाओं पर प्रतिवर्ष 964 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
चीन की सीमा से लगे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश व उत्तराखंड में सीमावर्ती इलाकों के विकास के लिए 4,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह आवंटन 2022-23 से 2025-26 के लिए है। इनमें से 2,500 करोड़ सड़क और शेष गांवों के विकास पर खर्च होंगे।