जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के चलते मौसम में आए उतार-चढ़ाव के बावजूद हार्टिकल्चर (बागवानी) की फसलों की पैदावार में रिकार्ड उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक फल, सब्जियों और मसालों की कुल पैदावार में दो फीसद से अधिक की वृद्धि हुई है। लेकिन इसके विपरीत प्रमुख सब्जियों में शामिल आलू और टमाटर की पैदावार में गिरावट का अनुमान लगाया गया है। हालांकि राजनीतिक रूप से अति संवेदनशील प्याज जैसी सब्जी की पैदावार में भारी वृद्धि होने की उम्मीद है|
कृषि मंत्रालय के गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों में बागवानी (हार्टिकल्चर) वर्ष 2021-22 में बागवानी फसलों की कुल पैदावार 34.16 करोड़ टन होने अनुमान लगाया गया है। यह पिछले हार्टिकल्चर वर्ष के 33.46 करोड़ टन के मुकाबले 70 लाख टन अधिक है। जबकि बोआई रकबा पिछले साल जहां 2.75 करोड़ हेक्टेयर था वह इस वर्ष 2.77 करोड़ हेक्टेयर है। जिन फसलों में उत्पादन अधिक हुआ है उनमें फल, ज्यादातर सब्जियां और शहद प्रमुख हैं। जबकि मसाले, फूलों, सुगंधित व जड़ी बूटी वाले पौधों की पैदावार में कमी दर्ज की गई |
दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक फलों की पैदावार 10.71 करोड़ टन हुई जबकि पिछले साल यह 10.24 करोड़ टन थी। सब्जियों की पैदावार पिछले साल के 20.05 करोड़ टन के मुकाबले चालू हार्टिकल्चर वर्ष में 20.46 करोड़ टन हुई है। प्याज का उत्पादन पिछले साल के 2.6 करोड़ टन के मुकाबले 3.1 करोड़ टन हुआ है। टमाटर जैसी फसल पिछले साल के 2.12 करोड़ टन के विपरीत 2.03 करोड़ टन रही है।
इस बारे में बागवानी से जुड़े एक प्रमुख वैज्ञानिक ने बताया कि चालू वर्ष में जलवायु परिवर्तन का असर दिखा है। अप्रैल और मई माह में पूर्वोत्तर के राज्यों में जबर्दस्त गरमी पड़ी, जिसके चलते टमाटर की फसल खेत में ही सूख गई। हार्टिकल्चर फसलों की अच्छी पैदावार के अनुमान पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कृषि वैज्ञानिकों और किसानों को बधाई दी है।
कृषि मंत्रालय के गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों में बागवानी वर्ष 2021-22 में बागवानी फसलों की कुल पैदावार 34.16 करोड़ टन होने अनुमान लगाया गया है। यह पिछले बागवानी वर्ष के 33.46 करोड़ टन के मुकाबले 70 लाख टन अधिक है। जबकि बोआई रकबा पिछले साल जहां 2.75 करोड़ हेक्टेयर था वह इस वर्ष 2.77 करोड़ हेक्टेयर है। जिन फसलों में उत्पादन अधिक हुआ है उनमें फल, ज्यादातर सब्जियां और शहद प्रमुख हैं। जबकि मसाले, फूलों, सुगंधित व जड़ी बूटी वाले पौधों की पैदावार में कमी दर्ज की गई है।
दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक फलों की पैदावार 10.71 करोड़ टन हुई जबकि पिछले साल यह 10.24 करोड़ टन थी सब्जियों की पैदावार पिछले साल के 20.05 करोड़ टन के मुकाबले चालू हार्टिकल्चर वर्ष में 20.46 करोड़ टन हुई है। प्याज का उत्पादन पिछले साल के 2.6 करोड़ टन के मुकाबले 3.1 करोड़ टन हुआ है। टमाटर जैसी फसल पिछले साल के 2.12 करोड़ टन के विपरीत 2.03 करोड़ टन रही है|
चालू वर्ष में जलवायु परिवर्तन का असर दिखा है। अप्रैल और मई माह में पूर्वोत्तर के राज्यों में जबर्दस्त गरमी पड़ी, जिसके चलते टमाटर की फसल खेत में ही सूख गई। हार्टिकल्चर फसलों की अच्छी पैदावार के अनुमान पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कृषि वैज्ञानिकों और किसानों को बधाई दी है।