साल 2022 का जनवरी महीने में किसानों ने कम ट्रैक्टर खरीदे| इसकी कई वजह बताते हुए क्रिसिल संस्था ने खुलासा किया कि
कच्चे माल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी, मुख्य रूप से स्टील और कम बिक्री की मात्रा, के कारण ट्रैक्टर निर्माताओं की ऑपरेटिंग प्रॉफिटेबिलिटी (परिचालन लाभप्रदता) चालू वित्त वर्ष में 300-400 आधार अंक घट सकती है। क्रिसिल ने यह भी कहा कि उसे उम्मीद है कि घरेलू ट्रैक्टर बिक्री की मात्रा 2021-22 में 4-6 प्रतिशत घट जाएगी, जबकि अप्रैल-दिसंबर 2021 में वॉल्यूम वृद्धि 0.7 प्रतिशत तक कम हो जाएगी।
क्रिसिल ने कहा, चालू वित्त वर्ष में स्टील और पिग आयरन जैसे प्रमुख कच्चे माल की कीमतें, जो कुल लागत का 75-80 प्रतिशत हिस्सा हैं, अप्रैल-दिसंबर में साल-दर-साल 35-40 प्रतिशत बढ़ी हैं और विवेकाधीन लागत सामान्य हो गई है।
इसके अलावा, पीएम-किसान सहित सरकारी योजनाओं के लिए बजट आवंटन, किसानों को अल्पकालिक ऋण के लिए ब्याज सब्सिडी और प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना, जिसने पिछले वित्तीय वर्ष में विकास का समर्थन किया था, वो 2021-22 में 10 प्रतिशत कम है।
ट्रैक्टर किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। ट्रैक्टर की बिक्री तेज होना, एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए एक बड़ा अच्छा संकेत होता है। लेकिन कुछ महीने से ट्रैक्टर की बिक्री के आंकड़े सही नहीं रहे। पिछले 18 महीना में ट्रैक्टर की बिक्री में गिरावट देखी जा रहा है। हालांकि कंपनियों ने उम्मीद लगाया था कि जल्द ही रिकवरी फेज चालू हो जायेगा लेकिन नवंबर में आ रहे विभिन्न ट्रैक्टर कंपनियों के सेल्स रिपोर्ट के अनुसार नवंबर में भी बिक्री में गिरावट रही। अब ऐसा कहा जा रहा है कि अप्रैल से ट्रैक्टर की बिक्री में तेजी देखने को मिल सकती है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के फार्म इक्विपमेंट सेक्टर के अध्यक्ष हेमंत सिक्का ने बताया, नवंबर 2020 से कई राज्यों में बेमौसम बरसात आदि की घटना बढ़ी है। बारिश की वजह से किसानों की आय पर भी इसका खासा असर हुआ है| रबी की कटाई चल रही है, फसल के कटने के बाद वापस से कैश फ्लो बढ़ेगा तो ट्रैक्टर की बिक्री बढ़ेगी।