इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) ने इजराइल केमिकल्स लिमिटेड (आईसीएल) के साथ खेती-किसानी में काम वाले खाद की सप्लाई के लिए समझौता किया| इजराइल की कंपनी 2022 से 2027 तक की अवधि के लिए 6 से 6.5 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक मात्रा के साथ एमओपी की आपूर्ति करेगी| दोनों के बीच इस संबंध में सोमवार को नई दिल्ली स्थित निर्माण भवन में रसायन, उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए|
मांडविया ने कहा कि यह समझौता देश में एमओपी की उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है| इससे कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और हमारे कृषक समुदाय के जीवन में सुधार आएगा|
एमओपी खाद का प्रयोग बागवानी में काफी होता है. एमओपी में 50 फीसदी पोटाश के साथ 46 फीसदी क्लोराइड होता है| साल 2019-20 में देश में इसकी 38.12 लाख मिट्रिक टन मांग थी| मांडविया ने कहा कि भारत और इजराइल आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित एक व्यापक आर्थिक, रक्षा और रणनीतिक संबंध साझा करते हैं| भारत में कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और यह सहयोग और इनोवेशन करने के पर्याप्त अवसर प्रदान करता है| भारत और इजराइल को उर्वरक क्षेत्र मिलकर रिसर्च करनी चाहिए, ताकि इससे कृषक समुदाय को लाभ हो|
मांडविया ने कहा कि भारत सरकार उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग के साथ कृषि उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है| उन्होंने उर्वरकों के उपयोग एवं पर्यावरण के अनुकूल वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग में सुधार के लिए इज़राइली पक्ष से सहयोग मांगा है| उन्होंने कहा कि यह बड़े संतोष की बात है कि इजराइल केमिकल्स लिमिटेड किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से ‘उच्च उर्वरक उपयोग दक्षता प्राप्त करने पर केंद्रित जीवन के लिए पोटाश’ नामक एक परियोजना के संचालन में इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के साथ भी काम कर रहा है|
इजराइल केमिकल्स लिमिटेड के वैश्विक अध्यक्ष एलाद अहारोंसन ने इंडियन पोटाश लिमिटेड के माध्यम से भारत के साथ अपनी कंपनी के जुड़ाव की सराहना की| उन्होंने कहा कि इजराइल केमिकल्स लिमिटेड को भारत में किए जा रहे प्रयासों और उर्वरकों के क्षेत्र में उन्नत टेक्नोलॉजी, रसद और अप्लीकेशन के लिए एक गहरा सहयोग विकसित करने की इच्छा से जुड़ने में खुशी होगी|
इजराइली प्रतिनिधिमंडल ने भूमि और पानी की बाधाओं के बावजूद कृषि और उर्वरक क्षेत्र में देश द्वारा की गई विभिन्न तकनीकी प्रगति को देखने के लिए मांडविया को इजरायल आने का निमंत्रण दिया| इस अवसर पर दोनों कंपनियों के अधिकारियों के अलावा उर्वरक विभाग और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे|