तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दोनों में मिलाकर लगभग 9 लाख एकड़ में मिर्च की खेती थ्रिब्स नामक कीड़े के हमले से प्रभावित है. किसान नेताओं का कहना है कि अब तक मुआवजे का भी एलान नहीं हुआ है|
दोनों प्रदेशों में करीब 9 लाख एकड़ में मिर्च की खेती थ्रिप्स नामक कीड़े के हमले से प्रभावित किसान बरबाद हो गये हैं|
किसानों का कहना है कि पांच-छह साल पहले बहुत कम कीड़े लगते थे, लेकिन तब उसके नियंत्रण की कोशिश नहीं की गई| इसका नियंत्रण न होने के पीछे नकली कीटनाशक बड़ी वजह बताई जा रही है| जिसकी वजह से किसानों ने पैसा भी लगाया और कीट पर नियंत्रण भी नहीं हुआ| तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दोनों में मिलाकर लगभग 9 लाख एकड़ में मिर्च की खेती थ्रिब्स नामक कीड़े के अटैक से प्रभावित है| किसान नेताओं का कहना है कि अब तक मुआवजे का भी एलान नहीं हुआ है|
ज्यादातर किसानों को दुकानदार नकली और सस्ता कीटनाशक देकर गुमराह करते हैं| असली कीटनाशक बिल पर मिलता है| उसमें 18 फीसदी जीएसटी लगती है| इसकी वजह से वो महंगा पड़ता है| कुछ ऐसे कीटनाशक भी हैं, जिनसे इन कीटों पर नियंत्रण हो सकता है लेकिन उन पर बैन है| ऐसे में इसका प्रकोप बढ़ता गया| कई बार नकली कीटनाशक बनाने और बेचने वालों पर कार्रवाई हुई है| लेकिन इस समस्या को जड़ से खत्म नहीं किया गया|
पिछले कुछ दिनों में लगभग 5000 करोड़ रुपये की मिर्च की फसल का नुकसान हो चुका है| फसल खराब होने की वजह से एक्सपोर्ट भी प्रभावित हुआ है| हर किसान ने प्रति एकड़ औसतन लगभग 1.5 लाख रुपये खर्च किया है| लेकिन सरकारी नीतियों की वजह से एक कीट ने उनकी मेहनत और लागत, सब पर पानी फेर दिया| कीटनाशक से जब तक जीएसटी 18 फीसदी से कम नहीं होगी तब तक किसान उसे बिल पर नहीं खरीदेंगे|