उत्तराखंड में पैदा उत्तरकाशी के लाल धान के नाम दर्ज उपलब्धि दर्ज हो गई है। इस धान को जीआई टैग पहले ही हासिल है। थे उसे सरकार अब इस धान के उत्पादन को और बढ़ावा देने के योजना बना रही है।
उत्तरकाशी जिले के लाल धान का चयन भारत सरकार की एक जिला एक उत्पाद योजना में हुआ है। इससे अब देशभर में लाल धान को अलग पहचान होगी।इसके जैविक प्रमाणीकरण व ब्रांडिंग के लिए भी मदद मिलेगी।
उत्तरकाशी जिले के लाल धान का चयन भारत सरकार की एक जिला एक उत्पाद योजना में हुआ है। इससे अब देशभर में लाल धान को अलग पहचान होगी। इसके जैविक प्रमाणीकरण व ब्रांडिंग के लिए भी मदद मिलेगी।
जिलों की श्रेणी में उत्तरकाशी जिले को नेशनल ओडीओपी अवार्ड प्रदान करते हुए केन्द्र सरकार ने जिले में लाल धान की खेती के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों को सराहा है।
प्रगति मैदान नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आयोजित आत्म निर्भर भारत उत्सव के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर के हाथों जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रुहेला ने जिलों की श्रेणी में प्रथम रनर अप का नेशनल ओडीओपी पुरस्कार ग्रहण किया। इस मौके पर जिले के मुख्य कृषि अधिकारी जे.पी तिवारी के साथ ही महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र उत्तरकाशी शैली डबराल भी उपस्थित रहीं।
विशिष्ट गुणों वाले लाल धान के उत्पादन में उत्तरकाशी जिले का महत्वपूर्ण स्थान है। जिले के पुरोला क्षेत्र सहित रवांई घाटी में परंपरागत रूप से बड़े पैमाने पर लाल धान की खेती होती है। जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के द्वारा जिले में लाल धान की पारंपरिक खेती का संरक्षण व संवर्द्धन के लिए बहुआयामी प्रयास करने के साथ ही गंगा घाटी के इलाकों में भी इसकी पैदावार करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर पिछले वर्ष से लाल धान की खेती शुरू करवाई गई। इस मुहिम में अधिकारी खुद खेतों में उतरे। किसानों को लाल धान के बीज, खाद व अन्य तकनीकी जानकारी देने के साथ ही कृषि विभाग की टीम निरंतर लाल धान की खेती को बढावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों को जमीन पर उतारने में जुटी रही।
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने भी किसानों के साथ खेतों में उतर कर धान की रोपाई की थी। इससे उत्साहित किसानों ने बड़े पैमाने पर लाल धान की खेती को अपनाया। वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के तहत उत्तरकाशी जिले सेे लाल धान को पूर्व नामित किया गया था। जिला प्रशासन, कृषि विभाग एवं उद्योग विभाग ने राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु के लिए गत अगस्त माह में भारत सरकार से आवेदन किया था। जिसके बाद भारत सरकार के दल ने बीते अक्टूबर व नवंबर माह में जिले का दौरा कर जिले के दावे की पड़ताल की और तय मानकों पर जिले के दावे को उपयुक्त पाया।