रंगों के त्योहार होली से पहले ही अयोध्या मे केसरिया गुलाल पूरे इलाके में अपनी महक से कार्यक्रम को भव्य व अलौकिक छटा प्रदान करेगा। ब्रज क्षेत्र के हाथरस जिले में गुलाल तैयार किया जा रहा है।
हाथरस का बना हुआ गुलाल देश-विदेश में अपनी महक बिखेरता है। इस बार राम मंदिर में श्री राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हाथरस की गुलाल बनाने वाले कारखानों से बीस टन गुलाल अयोध्या धाम जाना है। मांग का आधा हिस्सा हाथरस से भेजा जा चुका है। हाथरस का गुलाल ही होली के अवसर पर मथुरा जिले के मंदिरों और लठ्ठमार फागोत्सव के लिए ही तैयार किया जाता है।
हाथरस में कई नामी कंपनियां देशभर में रंग और गुलाल की सप्लाई करती हैं। रंग-गुलाल की 10 फैक्ट्रियों में चार हजार श्रमिक काम करते हैं। स्टार्च के बेस से गुलाल तैयार किया जाता है। इसके रंग फूल, पत्तियों और फूड प्रोडक्ट से लिए जाते हैं। चुकंदर से लाल, पालक से हरा, हल्दी से पीला, टेसू के फूल से नारंगी रंग लिया जाता है। प्राकृतिक और हर्बल खुशबूदार गुलाल सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं है।
हाथरस में इस बार बड़ी तादाद में पूजन किट की मांग बढ़ी है।हाथरस की प्रमुख रंग फर्म ने इस बार पूजन किट तैयार की है। इसमें धूप, अगरबत्ती, दीये, मूर्ति, रोली, चावल, पूजा सामग्री और मूर्ति हैं। 50 से 200 रुपये तक की किट थोक रेट में उपलब्ध हैं। इसकी भी खूब मांग आ रही है। रंग कारोबारी कल्प गर्ग का कहना है कि फरवरी की शुरुआत में गुलाल की मांग आती थी, लेकिन अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर आर्डर मिल रहे हैं। पूजन किट की भी मांग है।
आगामी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या में हाथरस के केसरिया गुलाल की महक भी होगी। स्थानीय कारोबारियों को बड़ी मात्रा में गुलाल का आर्डर मिला है। केसरिया रंग के गुलाल की मांग सर्वाधिक है। अब तक करीब 20 टन गुलाल यहां से भेजा जा चुका है। शहर की नामी कंपनी आकर्षक पूजन पैक भी अयोध्या भेज रही है।
आमतौर पर अक्टूबर से फरवरी तक रंग और गुलाल का उत्पादन और बिक्री होती है। यह होली के लिए होती है। इस त्योहार पर करीब सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार होता है। इस बार राम मंदिर निर्माण को लेकर गुलाल की मांग से कारोबारियों के चेहरे खिल गए हैं। अयोध्या के लिए केसरिया रंग का गुलाल खास तौर पर तैयार कराया गया है। यह दूसरे रंगों के गुलाल से दो गुणा से ज्यादा तैयार किया जा रहा है। इसकी कीमत 60 से 150 रुपये प्रतिकिलो तक है। पिछले एक सप्ताह से गुलाल के आर्डर भेजने शुरू कर दिए गए हैं।
इसी तरह से गुजरात के वड़ोदरा से 108 फीट लंबी अगरबत्ती अयोध्या भेजी जाएगी। यह अगरबत्ती बनकर तैयार है। इसे पंचगव्य और हवन सामग्री व गाय के गोबर से बनाया गया है। इसका वजन 3500 किलोग्राम है।
इस अगरबत्ती की लागत पांच लाख से ऊपर है। इसे तैयार करने में छह महीने का समय लगा है. वड़ोदरा से अयोध्या के लिए इस अगरबत्ती को 110 फीट लंबे रथ में भेजा जाएगा। इस संबंध में विहा भरवाड़ ने बताया कि एक बार इसे जलाने पर ये डेढ़ महीने तक लगातार जलती रह सकती है।