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मशीन से गन्ने का ठूंठ काटने से होगी पैदावार पहले से दोगुनी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर जिला गन्ना उत्पादक जिला है। जनपद की मुख्य फसल गन्ना है। 90 प्रतिशत किसान यहां गन्ने की खेती कर रहे हैं। गन्ने की खेती में तकनीक का प्रयोग लगातार बढता जा रहा है। इसी के चलते उत्पादन से लेकर रिकवरी तक लगातार बढी हैं। खेत में गन्ना कटाई के बाद ठूंठ का एक हिस्सा फंगस से खराब हो जाता है। किसान गन्ना तिरछा काटता है और गन्ने में इससे टिलरिंग कम होती है। रैटून मैनेजमेंट डिवाइस यानी आरएमडी मशीन से यदि ठूंठ की कटाई होती है तो वह समान रूप से काटती है।

पौधा गन्ना की कटाई के बाद बचे ठूंठ को आरएमडी मशीन से काटने पर उत्पादन दोगुना होता है। गन्ना विभाग ने ठूंठ की कटाई के लिए जिले की सभी सहकारी गन्ना विकास परिषदों में आरएमडी मशीन खरीद ली है। किसानों को गन्ने की ठूंठ काटने के लिए यह मशीन नि:शुल्क दी जा रही है।

मशीन जड़ के अतिरिक्त हिस्से को भी काटती है और निकलने वाले पौधों की संख्या बढ़ जाती है। पौधे की बढ़वार को रोकने वाला जड़ का अतिरिक्त हिस्सा समाप्त हो जाता है। सामान्य रूप से यदि पांच पौधों की टिलरिंग होती है तो आरएमडी मशीन से कटाई के बाद यह संख्या दोगुनी हो जाती है। आरएमडी मशीन के पीछे एक छोटा स्प्रेयर लगा होता है, जिससे स्प्रे करने पर ठूंठ पर फंगस नहीं लगता है। इस मशीन के प्रयोग से गन्ने के कूंड के दोनों ओर छोटी-छोटी नालियां बन जाती हैं, जिसमे डीएपी का प्रयोग किए जाने पर पौधों का अधिक पोषण होता है।

किसानों को आरएमडी मशीन की तकनीक को अपनाना चाहिए। गन्ना समितियों को किसानों के हित के लिए ही मशीन खरीदकर दी गई है। इस मशीन से गन्ने की ठूंठ काटने से किसानों का उत्पादन दोगुना तक हो सकता है। इस मशीन को लेकर सरकार तक व्यापक प्रचार कर रही है।

मिली जानकारी अनुसार मुजफ्फरनगर जिले में आरएमडी मशीन की कीमत 85 हजार रुपये है। जिले की सभी सात गन्ना समितियों पर यह मशीन खरीदी गई है। किसान यहां से मशीन ले जाकर खेतों में ठूंठ की कटाई कर रहे हैं। इन समितियों में खतौली, तितावी, मंसूरपुर, रोहाना, मोरना, रामराज, बुढ़ाना शामिल हैं।

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