मानसून से पहले बरसात और बाद ज़मीन दरकने, भू-स्खलन और बाद में आवाजाही के सभी रास्ते बंद होने की मुसीबतों ने सूबे में किसानों को बेहाल कर दिया है। सेब की फसल बागवानी करने वालों की बर्बादी का कारण बनी। अब किसानों की उम्मीद गेहूं की फसल पर है।
हिमाचल प्रदेश में आपदा के बीच किसानों को इस बार गेहूं का बीज 4.50 रुपये प्रतिकिलो महंगा मिलेगा। कृषि विभाग ने गेहूं बीज का दाम तय कर दिए हैं। आपदा के बीच किसानों को महंगे रेट में गेहूं बीज खरीदना होगा। इस साल बरसात में किसानों की सफल के साथ भूस्खलन से खेत-खलिहानों को भारी नुकसान हुआ है। विभाग ने गेहूं बीज का रेट कुल्लू, मंडी, लाहौल-स्पीति सहित प्रदेश के सभी जिलों के लिए एक ही रखा है। इसमें परिवहन से लेकर अन्य खर्च शामिल हैं। कृषि प्रसार केंद्रोंं में गेहूं बीज की खेप भी पहुंच गई है।
हिमाचल प्रदेश में आपदा के बीच किसानों को इस बार गेहूं का बीज 4.50 रुपये प्रतिकिलो महंगा मिलेगा। कृषि विभाग ने गेहूं बीज का दाम तय कर दिए हैं। आपदा के बीच किसानों को महंगे रेट में गेहूं बीज खरीदना होगा।
इस साल बरसात में किसानों की सफल के साथ भूस्खलन से खेत-खलिहानों को भारी नुकसान हुआ है। विभाग ने गेहूं बीज का रेट कुल्लू, मंडी, लाहौल-स्पीति सहित प्रदेश के सभी जिलों के लिए एक ही रखा है। इसमें परिवहन से लेकर अन्य खर्च शामिल हैं। कृषि प्रसार केंद्रोंं में गेहूं बीज की खेप भी पहुंच गई है।
कृषि विभाग का कहना है कि डीवीडब्लयू 88 किस्म का गेहूं का बीज किसानों को वितरित किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। कुल्लू जिले में ही कृषि विभाग के पास 800 क्विंटल गेहूं बीज की खेप पहुंच चुकी है। इसे कृषि प्रसार केंद्रों में भेजा गया है।
गौरतलब है कि अक्तूबर से किसानों के द्वारा रबी फसल गेहूं, जौ और जई की बिजाई शुरू कर दी जाएगी। हालांकि पर्याप्त नमी न होने के चलते किसान कई क्षेत्रों में किसान गेहूं की बिजाई नहीं कर पाए हैं। कृषि विभाग के अनुसार कृषि विभाग के पास 800 क्विंटल खेप पहुंच गई है। बीज को तय रेट कर किसानों को वितरित किया जाएगा।