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महाराष्ट्र के प्याज क‍िसानों से ऊंचे दामों पर खरीद करने मैदान में आयी तेलंगाना-सरकार

महाराष्ट्र में एक साल के दौरान इसकी तीन फसल ली जाती है। इसी वजह से यहीं से देश में प्याज की कीमतें तय होती हैं। लासलगांव, एशिया में सबसे बड़ी मंडी है।यहां खरीफ, खरीफ के बाद और रबी सीजन में इसकी पैदावार होती है।

महाराष्ट्र नासिक, शोलापुर, पुणे, अहमदनगर और धुले जिलों में इसकी सबसे ज्यादा खेती होती है। नासिक सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। इसी जिले के लासलगांव में एशिया की सबसे बड़ी मंडी है। महाराष्ट्र के कुल प्याज उत्पादन का 65 फीसदी रबी सीजन में ही होता है।

बीते दो सालों से महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक परेशान हैं। महाराष्ट्र के क‍िसानों को बाजार में प्याज का बेहतर दाम नहीं म‍िल रहा है। इस वजह से कई क‍िसान प्याज को भंडार करके रख रहे हैं। भंडारण के ल‍िए सुव‍िधाओं की कमी क‍िसानों को परेशान कर रही है। वहीं बेमौसम बारि‍श भी के ल‍िए आफत बन रही है। मसलन, बार‍िश की वजह से भंडारण में रखा प्याज सड़ने लगा है।

लागत तक न मिलने से किसान अपनी फसल को सड़क पर फेंक कर अपनी नाराज़गी जता चुके हैं। अब तेलंगाना सरकार ने महाराष्ट्र के प्याज क‍िसानों की मदद करने का फैसला ल‍िया है। तेलंगाना सरकार अब महाराष्ट्र के प्याज क‍िसानों से बाजार से भी अध‍िक दाम में प्याज की खरीददारी करेगी। इस फैसले से किसान ख़ुश हैं। आने वाले कुछ दिनों में नास‍िक का प्याज तेलंगाना और हैदराबाद में ब्र‍िक्री के ल‍िए ले जाया जाएगा।

जलवायु परिवर्तन के कारण इस साल बेमौसम बारिश होने का सिलसिला शुरु हो।रबी सीजन के प्याज की फसलों को अधिक नुकसान हुआ है। ऐसे में किसान डबल नुकसान झेल रहे हैं। शुरुआती दौर में मंडियों में प्याज का दाम 2 से लेकर 8 रुपये प्रति किलो रहा है। किसानों के अनुसार प्याज की खेती में प्रति किलो के हिसाब से 12 से 15 रुपये की लागत आती है. ऐसे में किसान इस साल अपनी लागत तक नहीं निकाल पाए हैं। कुछ किसानों ने अपने प्याज की फसल को खेतों में ही ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया। इसके अलावा कुछ किसानों ने अपनी फसल में आग लगा दी। किसानों को न तो महाराष्ट्र सरकार से और न व्यापारियों से कोई राहत मिली।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, तेलंगाना सरकार ने महाराष्ट्र के किसानों की मदद के लिए अधिक कीमत पर प्याज खरीदना शुरू कर दिया है।

दूसरी ओर सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि तेलंगाना सरकार के इस फैसले से तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर महाराष्ट्र में अपनी राजनीत‍िक जमीन तैयार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री केसीआर बीते कुछ द‍िनों में कई बार महाराष्ट्र दौरा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री केसीआर बीते कुछ द‍िनों में कई बार महाराष्ट्र दौरा कर चुके हैं। तेलंगाना में धान खरीद के लिए केंद्र सरकार से मुख्यमंत्री के रिश्तों की टकराहट जगजाहिर है। इस मुद्दे को लेकर केसीआर ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथ दिल्ली में धरना प्रदर्शन भी किया था।

PHOTO CREDIT – https://pixabay.com/

 

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