हरियाणा में दो दर्जन जिलों में लगातार बरसात और बाढ़ की वजह से अपनी फ़ैसलों को बर्बाद होते देख चुके हैं। सूबे की सरकार किसानों को उनकी खराब हुई फ़सलों का मुआवजा देने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, बाजरा, सूरजमुखी जैसी फ़सलों को खरीद के लिए केन्द्र सरकार से केन्द्र खोलने के लिए अनुमति चाहती है।
समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद के लिए सूबे में धान खरीद के लिए 215 केन्द्र, बाजरा के लिए 92 और मक्का खरीद हेतु 19 के साथ अन्य अन्न की खरीद के लिए केन्द्रों खोलने की केन्द्र सरकार से इजाज़त मांगी है। हरियाणा सरकार ने इसी क्रम में मूंग की खरीद हेतु 38, तिल के 27 सूरजमुखी के लिए 17, उड़द 10 व अरहर के लिए 22 खरीद केन्द्र खोले जाएंगे।
हरियाणा में 20 से बाजरा और 25 सितंबर से धान की खरीद के लिए सरकार ने केंद्र से अनुमति मांगी है। हालांकि केंद्र की ओर से सूबे में बाजरे की कितनी खरीद की जाएगी इस पर आज फैसला किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ किसानों ने 15 सितंबर से धान खरीद शुरू करने की मांग की है।उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि वैसे तो भारत सरकार ने 1 अक्टूबर से धान और बाजरा की खरीद शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन किसानों की मांग को देखते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से पहले खरीद शुरू करने की मांग की है।
उप मुख्यमंत्री के अनुसार धान की खरीद खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड, हरियाणा स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा की जाएगी। राज्य में मक्का की खरीद 20 सितंबर से, मूंग एक अक्टूबर से, तिल, अरहर, उड़द की खरीद एक दिसंबर से शुरू की जाएगी। हरियाणा सरकार सभी खरीद योग्य फ़ैसलों के दाम पहले ही घोषित कर चुकी है।
जिन राज्यों में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल कम दलहनी फसलों की बुवाई हुई है, उनमें मध्य प्रदेश (3.72 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (3.37 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (2.64 लाख हेक्टेयर), आंध्र प्रदेश (0.63 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.50 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.49 लाख हेक्टेयर) तेलंगाना (0.44 लाख हेक्टेयर), ओडिशा (0.44 लाख हेक्टेयर), तमिलनाडु (0.35 लाख हेक्टेयर), हरियाणा (0.13 लाख हेक्टेयर), त्रिपुरा (0.05 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.05 लाख हेक्टेयर), पंजाब (0.03 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.01 लाख हेक्टेयर) और असम (0.01 लाख हेक्टेयर) आदि राज्य शामिल हैं।images credit – google