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छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्र में होने वाली उपज का दायरा और वनवासियों की आमदनी भी बढ़ी

छत्तीसगढ़ सरकार मोटे अनाज में शामिल कोदो, कुटकी और रागी सहित कुल 67 लघु वनोपजों की खरीद एमएसपी पर कर रही है। सरकार का दावा है कि छत्तीसगढ़ में स्थानीय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और उद्यमिता विकास के लिए किए गए प्रयासों की वजह से बीते साढ़े चार सालों में ग्रामीण और सुदूर वनांचल क्षेत्रों के जरूरतमंद लोग वनोपजों के संग्रह का लाभ उठा रहे है।

छत्तीसगढ़ में सरकार ने वन क्षेत्रों में उपजने वाली फसलों को एकत्र करने वाले वनवासी समुदायों के हित में लघु वनोपजों की संख्या में इजाफा किया है। इससे पहले राज्य में वनोपजों की श्रेणी में केवल 7 प्रकार की उपज शामिल थीं। अब इनकी संख्या बढ़ाकर 67 कर दी गई है. अब सरकार 67 लघु वनोपजों की खरीद एमएसपी पर कर रही है। लघु वनोपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर खरीद का दायरा बढ़ने के फलस्वरूप बीते साढ़े चार सालों में वनोपज का संग्रह करने वालों की संख्या में भी 4 गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है।

साल 2018-19 में वनोपज संग्रह करने वालों की संख्या 1.5 लाख थी, जो अब बढ़कर 6 लाख हो गई है। वर्ष 2021-22 में कुल 42 हजार मीट्रिक टन लघु वनोपजों की खरीद की गई है। जबकि साल 2018-19 में यह मात्र 540 मीट्रिक टन थी। राज्य लघु वनोपज संघ की ख़बर के मुताबिक छत्तीसगढ़ में लघु धान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए ‘ मिलेट- मिशन’ भी चलाया जा रहा है। इसके तहत मिलेट्स में शुमार कोदो, कुटकी और रागी की खरीद एमएसपी पर की जा रही है।

छत्तीसगढ़ को, देश का सबसे बड़ा वनोपज संग्राहक राज्य होने का गौरव मिला है। इस दिशा में किए गए प्रयासों के फलस्वरूप लगभग 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों एवं 06 लाख वनोपज संग्राहकों को अतिरिक्त आय होने लगी है। इसका सबूत, तेंदूपत्ता के संग्रह की दर 2500 रुपये प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा किया जाना है। इसकी वजह से बीते 4 सालों में तेंदू पत्ता बीनने के मेहनताने के रूप में 2146.75 करोड़ रुपये का वनवासियों को भुगतान किया गया है।

तेंदूपत्ता बीनने के काम में लगे परिवारों के हित में सरकार ने शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू की। इसके तहत अब तक 4692 हितग्राहियों को 71.02 करोड़ रुपये की सहायता राश‍ि दी गई है। वनवासी और आदिवासियों के वन अधिकारों को प्रभावी रूप से लागू करने के मामले में भी छत्तीसगढ़, देश का अग्रणी राज्य है। इसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने लाख के उत्पादन को भी कृषि का दर्जा दिया है।इस कड़ी में राज्य सरकार ने लाख उत्पादक किसानों को अल्पकालीन ऋण देने की योजना भी लागू की है। इससे लाभान्वित होकर लाख उत्पादक किसान भी आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में सरकार ने वन क्षेत्रों में उपजने वाली फसलों को एकत्र करने वाले वनवासी समुदायों के हित में लघु वनोपजों की संख्या में इजाफा किया है। इससे पहले राज्य में वनोपजों की श्रेणी में केवल 7 प्रकार की उपज शामिल थीं। अब इनकी संख्या बढ़ाकर 67 कर दी गई है। अब सरकार 67 लघु वनोपजों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है।Images Credit – Google

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