आगरा में आलू के उत्पादन का पैमाना इस बात से समझ सकते हैं कि इस बार यहां का आलू मलेशिया, कतर और दुबई में निर्यात किया गया है| किसानों की सरकार से एक मांग यह भी थी कि आलू के रेट बढ़ाने के लिए सरकार निर्यात पर जोर दे. लिहाजा खाड़ी के कुछ देशों के अलावा मलेशिया में भी आगरा का आलू भेजा गया है|
आगरा से इस सीजन में 6000 क्विंटल आलू का निर्यात किया गया है. इसमें 3000 क्विंटल आलू मलेशिया भेजा गया है जबकि 3000 क्विंटल आलू दुबई और कतर में भेजा गया है|
आगरा में आलू की बंपर पैदावार हुई है| किसानों ने करीब 74000 हेक्टेयर में आलू की खेती की थी| खेतों में उगाई गई आलू की फसल की 80 फीसद खुदाई का काम निपट चुका है| अब तक करीब 25 लाख टन आलू की पैदावार हो चुकी है| बाकी वर्षों के मुकाबले इस साल आलू की बंपर पैदावार से किसानों में खुशी है|
अब किसानों को बाजार में आलू की अच्छी कीमत मिल रही है. उन्नत किस्म का आलू करीब 800 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचा जा रहा है| आगरा में इस बार आलू की कई वेरायटी सामने आई हैं. आलू की अलग-अलग वेराइटी में 302, 2001, कुफरी बहार, कुफरी नीलकंठ, कुफरी चंबल, 3797 आलू की किस्में आगरा के किसानों ने उगाई है| कई स्थानों पर अभी आलू की खुदाई की जा रही है| लिहाज़ा पैदावार का अनुमान और बढ़ सकता है|
विशेषज्ञ बताते हैं कि आलू की पैदावार 25 लाख टन से बढ़कर 30 लाख टन तक पहुंच सकती है| मंडी में आलू की कीमतें अभी कम हैं, लेकिन आगे दाम बढ़ने की संभावना है. किसानों का कहना है कि इस बार उन्हें अच्छी कीमतें मिलने की पूरी उम्मीद है| किसानों का यह भी कहना है कि आलू की फसल काफी अच्छी हुई है जिससे उनकी उम्मीद और अधिक बढ़ गई है |
आलू के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद, आगरा,हापुड़, अमरोहा जिलों की वजह से अव्वल है| अब आगरा के किसान आलू-चिप्स कंपनियों की मांग पर आलू की चिपसोना प्रजाति को उगाने को प्रमुखता से उगा रहे हैं|