मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने रीवा, बुरहानपुर और सिंगरौली में 900 करोड़ रूपये से अधिक की सिंचाई परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति दी। इन परियोजनाओं से 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।
रीवा में त्योंथर माइक्रो सिंचाई परियोजना लागत राशि 89 करोड़ 83 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना से त्योंथर तहसील के 52 ग्रामों की 7600 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी।
बुरहानपुर जिले की पांगरी मध्यम (होज) सिंचाई परियोजना लागत राशि 145 करोड़ 10 लाख रुपये की सिंचाई क्षमता 4400 हेक्टेयर रबी सिंचाई के लिये प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना से खकनार तहसील के 10 ग्रामों को भूमिगत पाइप लाइन से सूक्ष्म सिंचाई (होज) पद्धति से सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।
मंत्रि-परिषद ने सिंगरौली जिले की सिंगरौली एवं माड़ा तहसील के 38 हजार हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र में भूमिगत पाइप लाइन से उच्च दाब पर सूक्ष्म सिंचाई (स्प्रिंकलर) पद्धति के द्वारा 113 ग्रामों में सिंचाई सुविधा के लिए रिहन्द सूक्ष्म सिंचाई परियोजना लागत राशि 672 करोड़ 25 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी।
उधर, प्रदेश के जल-संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के मुताबिक 2025 तक प्रदेश में 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है|
साल 2003 में जहां प्रदेश में शासकीय स्रोतों से कुल सिंचाई का रकबा लगभग 7 लाख हेक्टेयर था वहीं अब करीब 43 लाख हेक्टेयर हो गया है|
माइक्रो इरीगेशन पर फोकस कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि प्रदेश में हर किसान को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा|
किसानों को माइक्रो इरीगेशन पर जोर देने की जरूरत है|
बता दें कि केंद्र सरकार माइक्रो इरीगेशन स्कीम पर इन दिनों फोकस कर रही है|
ताकि कम पानी में फसलें तैयार हों, उत्पादकता ज्यादा हो और लागत कम आए|
माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट पर सरकार किसानों को कहीं 70 तो कहीं 85 फीसदी तक की सब्सिडी दे रही है|