ड्रैगन फ्रूट थाईलैंड, वियतनाम, इजरायल, श्रीलंका आदि जैसे देशों में काफी प्रसिद्ध है| अब भारत में भी इसे लोग पसंद करते हैं| यहां ड्रैगन फ्रूट की कीमत 200 से 250 रुपये प्रति किलो है| यह फल उन जगहों पर भी काफी अच्छी तरह से उगता है, जहां पर कम बारिश होती है| ड्रैगन फ्रूट का इस्तेमाल जैम, आइसक्रीम, जैली उत्पादन, फ्रूट जूस, वाइन आदि में किया जाता है| साथ ही, इसे फेस पैक्स में भी इस्तेमाल करते हैं|
आचार्य नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय, कुमारगंज अयोध्या में किसानों को खेती-बारी की आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाता है। अब विवि प्रशासन किसानों को पौष्टिक क्षमता से भरपूर ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए प्रशिक्षित करने की तैयारी कर रहा है।
फल विभाग के विभागाध्यक्ष डा. संजय पाठक की अगुवाई में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। गत वर्ष ही लाकर इसे विवि में रोपा गया था। अब शोध कार्य शुरू हो चुका है। इन दिनों किसानों को व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है, आगे समूह में प्रशिक्षित करने की योजना है। इसके अंतर्गत किसानों को विवि के ड्रैगन परिक्षेत्र का भ्रमण करा कर इसकी खेती का तरीका बताया जाएगा।
इस फल की खेती बहुत लाभकारी है। किसान इसकी खेती कर अधिक लाभ कमा सकेंगे। इसकी खेती कम जगह में करके किसान अधिक आय प्राप्त कर सकता है|
यह भारत में नई फसल के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। इसकी खेती गुजरात व महाराष्ट्र में होती है, लेकिन यूपी सहित कई राज्यों में अब इसे व्यावसायिक स्तर पर शुरू किया गया है। इस पौधे में औषधीय गुण होते हैं। यह एंटी आक्सीडेंट से भरपूर होता है। नियमित रूप से इस फल का सेवन करने से अस्थमा, खांसी, कोलेस्ट्राल, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें विटामिन सी व फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है।
यह फल हृदय संबंधित विकारों को दूर करने एवं भोजन को सुपाच्य बनाने में भी सहायक होता है। इसमें फास्फोरस व कैल्शियम की मात्रा अच्छी होती है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती है। इसे लगाने का समय फरवरी व मार्च में होता है। यह मौसम में तीन से चार बार फल देता है।