हरियाणा के 18 जिलों के पंच-सरपंचों की शैक्षणिक योग्यता की डिग्रियों की जांच के आदेश से हड़कंप मच गया है। करीब 20 ऐसे जीते उम्मीदवार आयोग के रडार पर हैं, जिनकी डिग्री फेक या बोगस होने का शक है।
आयोग के आदेश के हिसाब से हरियाणा में 5 हजार से ज्यादा सरपंच और करीब 50 हजार पंचों की शैक्षणिक योग्यता संदेह के घेरे में है। पहले 2 चरण के चुनाव में जिन 18 जिलों में मतदान होने के बाद नतीजे आ चुके हैं उनमें 5,274 सरपंच और 49,763 पंच चुने गए हैं।
पहले चरण में पानीपत, कैथल, भिवानी, झज्जर, जींद, महेंद्रगढ़, नूंह, पंचकूला और यमुनानगर में चुनाव हुए। इसमें 2,595 सरपंच और 25546 पंच चुने जा चुके हैं।
दूसरे चरण में अंबाला, चरखी-दादरी, गुरुग्राम, करनाल, रोहतक, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, सिरसा और सोनीपत में चुनाव हुए। यहां 2,679 सरपंच और 24,217 पंच चुने गए।
पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में हिसार, फतेहाबाद, पलवल और फरीदाबाद में चुनाव होने बाकी हैं। इनमें 22 नवंबर को जिला परिषद और पंचायत समिति मेंबर का मतदान होगा। वहीं 25 नवंबर को पंच-सरपंच के लिए वोटिंग होगी।
आयोग ने डिप्टी कमिश्नरों को कहा है कि अगर किसी पंच-सरपंच की डिग्री फर्जी निकलती है तो उसे सस्पेंड कर बर्खास्त किया जाए। इसके लिए आयोग ने डिप्टी कमिश्नरों को हरियाणा पंचायत एक्ट 1994 के सेक्शन 51 के सब सेक्शन (3) के क्लाउज b के तहत कार्रवाई को कहा है।