हरियाणा सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिससे अब किसानों को किसी भी समय जमीन बेचने पर उसका उचित मूल्य मिल पाएगा| हरियाणा में भूमि बैंक बनने जा रहा है| मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई| इस बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए|
बैठक में ‘बोर्डों एवं निगमों सहित सरकारी परियोजनाओं के लिए भूमि बैंक सृजित करने और विकास परियोजनाओं के लिए उनका निपटान नीति’ को स्वीकृति दी गई है| इस नीति के तहत, किसान पहले सरकार को संभावित खरीददार के रूप में अपना प्रस्ताव दे सकता है|
इसके साथ ही किसान राज्य सरकार को किसी विशेष स्थान पर विकास परियोजना के लिए भूमि का चयन करने का परामर्श भी दे सकते हैं| इसके लिए सरकारी विभागों, बोर्डों एवं निगमों के लिए भूमि बैंक सृजित करने और उनके निपटान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक नीति तैयार की गई है| इस नीति के लिए तीन समितियां भूमि एवं दर जांच समिति, भूमि बैंक समिति और उच्चाधिकार प्राप्त भूमि बैंक समिति का गठन किया जाएगा|
भूमि बैंक के लिए जिन विभागों के पास सरकारी व बिना प्रयोग में ली गई जमीन मौजूद है, जाहिर तौर पर उनके अधिकारियों को ही इस मीटिंग में बुलाया गया था, इनमें राजस्व, विकास एवं पंचायत, नगर निगम व पालिकाएं, विपणन बोर्ड, एचएसआईआईडीसी, पर्यटन, जन स्वास्थ्य विभाग, सिंचाई, हैफेड तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण शामिल हैं।
बताया कि वर्ष 2013 से नए भूमि अधग्रिहण कानून में संशोधन के बाद सरकारी कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण करना मुश्किल भरा काम है। लेकिन यदि सरकार के पास अपनी जमीन होगी तो उस पर परियोजना या कोई भवन निर्माण आसानी से किया जा सकता है। जिस विभाग के पास अपनी जमीन नहीं वह भूमि बैंक में मौजूद अन्य विभाग से जमीन खरीद सकता है।