गरीबों का सेब कहा जाने वाला अमरूद अब सेब से महंगा बिक रहा है। बाजार में कश्मीर के सेब से अधिक इलाहाबादी अमरूद के नखरे हैं। कश्मीर का सेब 60 रुपये किलो तो इलाहाबादी अमरूद सौ रुपये किलो बिक रहा है।
अपने सुर्ख लाल रंग, खास खुशबू और लाजवाब स्वाद की वजह से देश भर मे फलों के बीच अपनी बादशाहत कायम करने वाले इलाहाबादी अमरुद सुर्खा के दिन फिर बहुरने वाले हैं। पहले उकठा रोग, फिर फ्रूट फ्लाई और उसके बाद मौसम की मार के चलते गिरती आमदनी की वजह से जो अमरुद किसान इसकी बागवानी से दूर हो रहे थे। अब किसान फिर अच्छी आमदनी की उम्मीद में इसकी तरफ वापस आने लगे हैं।
ठंड शुरू होते ही इलाहाबाद के अमरूद का आवक शुरू हो जाता है। छठ के बाद से लेकर 26 जनवरी तक यह अमरूद आता है। शुरुआती दौर में इसकी कीमत 120-130 रुपये किलो तक था लेकिन अब धीरे-धीरे कीमत कम हुआ है। सेब से महंगा होने के बावजूद लोग इसे खूब पसंद करते हैं। इस अमरूद का स्वाद और खुशबू लोगों को खूब भाता है।
इलाहाबादी अमरूद इस बार सेब से भी महंगा बिक रहा है| व्यवसायी इसकी वजह इलाहाबादी अमरूद की कम पैदावार बता रहे हैं| दुकानदारों का कहना है कुछ सालों से मौसम में हो रहे परिवर्तन का असर अमरूद के पैदावार पर भी पड़ा है| पहले ठंड अक्टूबर नवंबर में शुरू हो जाती थी| अब दिसंबर में ठंढ पड़नी शुरू हो रही है| देर से ठंड शुरू होने के कारण अमरूद में कीड़े लग रहे हैं| पैदावार कम और ज्यादा मांग से मूल्यों में बढ़ोतरी हुई है|