प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा पेराई सत्र 2022-23 हेतु मिलगेट एवं गन्ना क्रयकेन्द्रों पर घटतौली की कुप्रथा पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों को घटतौली रोकने हेतु व्यापक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
इस संबंध में जानकारी प्रदान करते हुये गन्ना आयुक्त द्वारा बताया गया कि गन्ना क्रयकेन्द्र संचालित होने से 15 दिन पूर्व तौल लिपिकों के लाइसेंस संबंधित जिला मजिस्ट्रेट से बनवाकर चीनी मिलों को उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। क्रयकेन्द्र पर गन्ना तौल करते समय तौल लिपिकों को लाइसेंस के साथ-साथ पहचान-पत्र भी अनिवार्य रूप से अपने पास रखना होगा।
तौल लिपिको के पाक्षिक स्थानान्तरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाये जाने के लिए स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट (ई.आर.पी.) के माध्यम से स्थानान्तरण किया जायेगा तथा निर्गत स्थानान्तरण सूची को विभागीय वेबसाइट एवं सोशल मीडिया पर अपलोड कर प्रसारित भी कराया जायेगा साथ ही जिन तौल लिपिकों को लाइसेंस जारी किया जायेगा उनका डाटाबेस फोटो सहित विभागीय वेबसाइट पर भी अपलोड कराया जायेगा। यह भी बताया कि विगत 05 वर्षों में जिन तौल लिपिकों के लाइसेंस निरस्त किये गये हो अथवा दण्डित किया गया हो उन तौल लिपिकों के लाइसेंस निर्गत न किये जाने हेतु भी निर्देश दिये गये है। चीनी मिल गेट पर न्यूनतम 10 टन क्षमता वाले मैनुअल काँटे लगाये जाने हेतु चीनी मिल अध्यासी को निर्देशित किया गया है जिससे कृषक अपने वजन की तुलनात्मक जाँच कर सकेंगें। प्रत्येक क्रयकेन्द्र पर उस दिन तौली जाने वाली पर्चियों की एकनॉलेजमेन्ट शीट भी अनिवार्य रूप से चस्पा की जायेगी।
गन्ना आयुक्त द्वारा बताया गया कि निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण में प्राप्त अनियमितताओं पर उ.प्र. गन्ना (पूर्ति एवं खरीद) अधिनियम, 1953 एवं उ.प्र गन्ना पूर्ति एवं खरीद नियमावली, 1954 में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत दोषी चीनी मिलों एवं तौल लिपिकों के विरूद्ध सुसंगत धारा एवं संगत नियमों के अन्तर्गत सम्बन्धित जिला मजिस्ट्रेट के स्तर से नोटिस जारी कराते हुए जमानत जब्ती अथवा सक्षम न्यायालय में अभियोजन की कार्यवाही सम्पन्न करायी जायेगी। इसके अतिरिक्त घटतौली में दोषी पाये गये तौल लिपिकों के लाइसेंस निलंबन एवं उनके निरस्तीकरण की कार्यवाही भी की जायेगी।