चंदौसी तहसील क्षेत्र के गांव पल्था में कृषि विभाग का कृषि विज्ञान केंद्र बना हुआ है। कृषि विज्ञान केंद्र पर एक हेक्टेयर में 1.40 करोड़ रुपये की लागत से सब्जियों की नर्सरी बनाई जाएगी। नर्सरी को शासन स्तर से चयनित कार्यदायी संस्था तैयार करेगी। नर्सरी के लिए केवीके में स्थान भी चयनित कर लिया गया है। अक्तूबर माह में इसके निर्माण शुरू होने की संभावना है। कृषि विज्ञान केंद्र स्थित कृषि वैज्ञानिकों की देखरेख में विभिन्न सब्जियों की पौध जैविक तरीके से तैयार होगी।
नर्सरी में स्थानीय स्तर पर होने वाली सब्जी की ही पौध उगाई जाएगी। नर्सरी तैयार करने में स्वयं सहायता समूह की मदद की ली जाएगी। इससे कई सौ व्यक्तियों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा।
नर्सरी में एक पौध तैयार करने में करीब ढाई रुपये तक लागत आने का अनुमान हैं। केमिकल मुक्त पौध आमजन को केवीके की नर्सरी से एक रुपये में उपलब्ध कराई जाएगी। शेष खर्च को शासन स्वयं वहन करेगा।
केवीके में बनने वाली नर्सरी में हर सीजन में दो लाख पौध तैयार करने का लक्ष्य हैं। यानी रबी, खरीफ व जायद की फसल के सीजन के एक साल में छह लाख पौधे तैयार किए जाएंगे।
ये पौध रहेगी प्रमुख रूप से
स्थानीय स्तर पर पौधे होने वाली सब्जियां प्रमुख रूप से टमाटर, लौकी, तोरई, खीरा, करेला, बैंगन, भिंडी, मूली आदि हैं। इन पौध को वरीयता के आधार पर तैयार किया जाएगा।
जिला कृषि विज्ञान केंद्र पल्था के प्रभारी डा. महेन्द्र सिंह के अनुसार “हर साल कम से कम छह लाख पौध स्वयं सहायता समूह की मदद से तैयार होगी तथा आमजन को एक रुपये प्रति पौध की दर से उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि लोग घर में अथवा अपने खेत पर किचन गार्डन तैयार कर रसायनमुक्त सब्जी प्राप्त कर सकें।”