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बीजेपी-कांग्रेस कैसे करेंगी पर्यावरण का संरक्षण?

बीजेपी-कांग्रेस कैसे करेंगी पर्यावरण का संरक्षण?

आदर्श शर्मा भारत के दो सबसे बड़े दलों बीजेपी और कांग्रेस ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन को अपने घोषणा-पत्र में सबसे आखिर में जगह दी है। बिहार की आरजेडी ने तो इससे जुड़ा कोई वादा ही नहीं किया। पर्यावरण पर कितना सोचते हैं राजनीतिक दल। भारत में चुनावी सरगर्मी लगातार …

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इफको नैनो यूरिया को खेती के लिए ‘खतरनाक’ क्यों बता रहे वैज्ञानिक !

नैनो यूरिया के एक बोतल में 9.2 ग्राम नाइट्रोजन है, जबकि पौधे की जरूरत 20.7 ग्राम नाइट्रोजन की है। दावों और व्‍यवहार के बीच नाइट्रोजन का जो फर्क है, वह कहां से पूरा होगा, इस पर विस्‍तार से बताने की जरूरत है क्‍योंकि गेहूं दूसरी दलहनी फसलाें की तरह वायुमंडल से नाइट्रोजन नहीं ले पाता है। इससे उत्‍पादन में गिरावट होगी।

इफको नैनो यूरिया नोटिफाइड किया है. कुल जमा इफको नैनाे यूरिया को फर्टिलाइजर उत्पादन क्षेत्र में क्रांतिकारी अविष्‍कार माना जा रहा है. इसके पीछे तर्क और दावे ये हैं कि इफको नैनो यूरिया की 500 एमएल की एक बोतल एक बोरी यूरिया का काम करेगी। कहा जा रहा है कि खाद खपत में …

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गाजर की सबसे उन्नत किस्मों से उत्पादन के साथ बढ़ जाएगा मुनाफा

बरसात का मौसम ख़त्म होने के साथ आलू, मूली और गाजर की बुवाई शुरु हो जाती है | गाजर का उन्नत बीज ज्यादा उत्पादन देता है| गाजर के पत्ते पशुओं का दूध बढ़ाने वाला चारा भी है | उन्नत बीज स 100 दिन में गाजर को बाजार भेजना संभव होता …

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केले के उत्पादन की लागत ज्यादा, सही कीमत को लेकर सरकार से MSP की मांग

महाराष्ट्र के जलगांव जिले के बाद नंदुरबार जिले में बड़ी मात्रा में केले का उत्पादन होता है. उत्तरी महाराष्ट्र में 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में केले की खेती की जाती है| जिसमें से 15 हेक्टेयर क्षेत्र अकेले नंदुरबार जिले में होती है| जिले में केले की खेती बड़े पैमाने पर …

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गेहूँ की नई किस्म के-1616 को पलेवा करके बोने से ही 35 कुन्टल तक उपज

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसएवि) के विज्ञानियों को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने के-1616 नाम से गेहूं की ऐसी प्रजाति विकसित की है, जो बिना सिंचाई किए ही 30 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार देगी। यही नहीं, अगर इसे एक या दो बार सिंचाई मिल जाए तो …

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राज्यों में धान की बुवाई का रकबा घटने का असर चावल की कीमतों पर

झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में अनियमित मानसूनी बारिश के कारण खरीफ सत्र में धान बुआई का रकबा 4.76 प्रतिशत घटकर 402.88 लाख हेक्टेयर रह गया है। कृषि मंत्रालय ने 2022 के खरीफ सत्र के लिए बुवाई के रकबे का अंतिम आंकड़ा जारी किया। पिछले साल …

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प्राकृतिक खेती की उपज के लिये विश्व-बाजार में जगह तलाश रही है केन्द्र- सरकार

भारत सरकार नेचुरल फार्मिंग के लिए एक प्रकृतिक खेती योजना संचालित करने जा रही है जिसके तहत किसानों को प्रकृतिक खेती करने पर कई तरह की मदद उपलब्ध कराई जा सकती है| किसानों को दिए जाने वाले ऐसे सहयोग में रुपए-पैसे की मदद से लेकर प्रकृतिक खेती के लिए जरूरी …

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आंगन में अमरूद से अधिक फल लेने के लिए करें यह उपाय

घर पर कई ऐसे फल हैं, जिनके पेड़ आसानी से लगाए जा सकते हैं। उनमें अमरूद का पेड़ शामिल है, जिसे आप गमले में भी लगा सकते हैं। हरे-पीले अमरूद खाने का आनंद लोगों को अक्सर लेते देखा होगा, लेकिन अगर ये अपने ही गार्डन का हो, तो मजा दोगुना …

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जैविक बीज फार्म का केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया शिलान्यास

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज मुरैना में राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) के जैविक बीज फार्म का शिलान्यास किया। इसके प्रारंभ होने पर मध्य प्रदेश के किसानों को तिलहन के नए जैविक बीज उपलब्ध होंगे। इस फार्म से किसान आधुनिक पद्धतियों से अवगत होंगे, …

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नाबार्ड रिपोर्ट में खुलासा, किसी भी कीमत पर अधिक अनाज उगाने की रणनीति से संकट में कृषि क्षेत्र

21 वीं सदी के लिए कृषि चुनौतियां और नीतियां’ शीर्षक के साथ जारी नाबार्ड की कृषि शोध रिपोर्ट को नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने लिखा है| इस शोध रिपोर्ट पर मिंट ने एक स्टोरी प्रकाशित की है| जिसमें शोध रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि कुछ …

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