सूबे में मछली पालन और इसके कारोबार में शेखपुरा जिला बड़ी तेजी से आगे बढ़ा है| पांच वर्ष पहले तक आफ सीजन में दक्षिण भारत की चलानी मछली पर निर्भर करने वाला शेखपुरा जिला आज बारहों महीने अपने आसपास के आधा दर्जन से अधिक जिलों को ताजी और जिंदा मछली सप्लाई कर रहा है| अभी जिले में प्रति वर्ष 400 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है| एक दशक पहले यह आंकड़ा महज कुछ मीट्रिक टन तक सीमित था|
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि राज्य में मछली उत्पादन बढ़ा तो है,लेकिन अब भी दूसरे राज्यों से यहां 877 करोड़ रुपये की प्रतिवर्ष मछलियां बिहार में मंगायी जाती है| मंत्री ने कहा कि 2021-22 में 8.02 लाख टन मछली उत्पादन लक्ष्य के विरूद्ध 7.61 लाख टन मछली उत्पादन हुआ| यानी लक्ष्य से 41 लाख टन कम| आपको बता दें की इससे पहले योजना परिषद के सभागार में मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन एवं प्रगति की समीक्षा की|
बिहार वासियों का मेहनत साफ दिखाई दे रहा है| बता दे की कृषि रोडमैप के सफल क्रियान्वयन का फलाफल अब बिहार में तेजी से दिखने लगा है| इससे न सिर्फ रोजगार सृजित हो रहे हैं, बल्कि खाद्य चीजों के उत्पादन भी तेजी से बढ़ रहा है| शिक्षित युवा वर्ग जैसे मछली पालन और उत्पादन में रुचि दिखा रहे हैं| इससे यही साबित होता है की मछली उत्पादन में बिहार जल्द आत्मनिर्भर होगा, क्योंकि मछली उत्पादन में देशभर में बिहार चौथे स्थान पर पहुंच गया है| वर्ष 2007-08 में प्रदेश में दो लाख 88 हजार टन सालाना मछली उत्पादन होता था| वर्ष 2020-21 में बढ़कर सात लाख 62 हजार टन हो गया है|
प्याज और पत्थर के व्यवसाय से पहचाना जाने वाला शेखपुरा जिला मछली पालन और इसके कारोबार में बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है|कृषि के साथ मछली पालन के काम को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की नीली क्रांति को शेखपुरावासीयों ने अंगीकार किया है| मछली पालकों की आय में बढ़ोतरी करने और इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए बिहार की नीतीश कुमार सरकार लगातार प्रयास कर रही| इसी के तहत राज्य के मछली पालकों को एक और सौगात देने की घोषणा की गई है| बिहार में अब मछली पालन के नए तालाब के निर्माण पर राज्य सरकार की तरफ से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी| साथ ही मछली बेचने के लिए गाड़ी और आइस बॉक्स खरीदने पर भी अनुदान का प्रावधान है|
शेखपुरा जिला अभी जमुई, नालंदा, नवादा, लखीसराय और पटना जिले को ताजी मछली उपलब्ध करा रहा है|शेखपुरा जिले में 196 सरकारी और लगभग 200 निजी तालाबों में मछली पालन का काम तेजी से हो रहा है, जिसका क्षेत्र लगभग 400 हेक्टेयर है| मछली पालन में सरकार काफी आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है| जिला में हैचरी शुरू होने से अब मछली का जीरा भी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो रहा है| मछली पालन से जो लोग जुड़ना चाहते हैं उन लोगों को सरकारी स्तर से प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जा रहा है|