भारत सरकार नेचुरल फार्मिंग के लिए एक प्रकृतिक खेती योजना संचालित करने जा रही है जिसके तहत किसानों को प्रकृतिक खेती करने पर कई तरह की मदद उपलब्ध कराई जा सकती है| किसानों को दिए जाने वाले ऐसे सहयोग में रुपए-पैसे की मदद से लेकर प्रकृतिक खेती के लिए जरूरी चीजें उपलब्ध कराने तक बहुत कुछ शामिल है| केंद्र सरकार किसानों को प्रकृतिक खेती से उपजायी फसल के लिए बाजार भी उपलब्ध कराने जा रही है|
खेती के इस तरीके में खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता| वास्तव में प्राकृतिक खेती तकनीक बायोमास रीसाइक्लिंग पर आधारित तकनीक है जिसमें जानवरों के गोबर से खाद और उनके यूरिन से कीटनाशक बनाकर मिट्टी का इलाज किया जाता है| इसमें रासायनिक खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता|
प्राकृतिक खेती के जरिए सरकार किसानों के लिए विदेशी बाजार खोलना चाहती है| प्राकृतिक तरीके से की गई खेती से मिलने वाले कृषि उपज के लिए विदेश में एक बड़ा बाजार है जिसका फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है| केंद्र सरकार कृषि उपज के लिए किसानों को मार्केटिंग में भी मदद करने की योजना बना रही है|
भारत सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को उनकी जमीन के लिए एक सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है जिसके जरिए वह अपने कृषि उपज का निर्यात कर सकेंगे और अपनी कमाई बढ़ा सकेंगे| सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराने जा रही है|
प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को गौशाला से जोड़ा जाएगा जिससे वे अपने खेत में उपज बढ़ाने के लिए गोबर ले सकें| नीति आयोग और कृषि मंत्रालय के बीच इस बारे में कई बार बातचीत हो चुकी है जिसमें प्राकृतिक खेती से उगाए जाने वाली उपज के निर्यात की संभावनाएं तलाशना शामिल है|