महाराष्ट्र के जलगांव जिले के बाद नंदुरबार जिले में बड़ी मात्रा में केले का उत्पादन होता है. उत्तरी महाराष्ट्र में 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में केले की खेती की जाती है| जिसमें से 15 हेक्टेयर क्षेत्र अकेले नंदुरबार जिले में होती है| जिले में केले की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है| जिले के नंदुरबार, शाहदा, तलौदा, अक्कलकुवा तालुकों में केले का एक बड़ा क्षेत्र है| किसानों का आरोप है कि जिले में केले की खरीदी पर बाजार र्म का नियंत्रण नहीं होने के कारण व्यापारी मनमानी तरीके से कम भाव मे ख़रीदी होती है||
जिले के केला उत्पादक किसानों का भी कहना है कि इस साल केले के दामों में गिरावट आई है| हालांकि क़ीमतों में कुछ दिन सुधार हुआ था| लेकिन, फिर क़ीमतों भारी गिरावट आ गई और इस समय अच्छे क्वालिटी के केले का दाम सिर्फ 600 रुपये प्रति क्विलटी से लेकर 1200 रुपये प्रति क्विंटल तक ही मिल रहा है. जबकि लगात इसे कई ज्यादा है|
केला किसान संघ ने मुख्यमंत्री से केले का दाम 18.90 रुपये प्रति किलो तय करने की मांग की है| इसके साथ हीसंघ ने मुख्यमंत्री के समक्ष केला किसानों की कई समस्याओं और मांगों को रखा है| केलाकिसान संघ के अध्यक्ष किरण चव्हाण ने यह जानकारी दी है|
आम ग्राहक केला दर्जनों में खरीदते हैं. लेकिन, व्यापारी किसानों से किलो की भाव ही केले की खरीददारी करते हैं| मौजूदा समय में किसानों को मिल रहे केले के दाम को लेकर एक किसान बताते हैं कि बाजार में बेहतर मांग होने पर केले के दाम 10 से 11 रुपये प्रति किलो तक मिले हैं| वैसे तो औसत दाम 7 से 8 रुपये किलो तक है| किसान ने बताया कि एक केले में 5 केले तक आसानी से चढ़ जाते हैं|
महाराष्ट्र के केला उत्पादक के अध्यक्ष किरण चव्हाण के अनुसार केला महाराष्ट्र में व्यापक रूप से उगाया जाता है| इस फसल का क्षेत्रफल महाराष्ट्र में लगभग 90 हजार 500 हेक्टेयर है| हालांकि अभी तक केला किसानों को किसी प्रकार की मूल्य गारंटी नहीं मिली है| उन्होंने कहा कि किसान केले को कम दामों में बेचने के लिए मजबूर हैं| किरण चव्हाण ने बताया कि केले का MSP मिलना जरूरी है क्योंकि किसान प्रभावित हो रहे हैं.किसानों अपनी लागत तक नही निकाल पा रहे हैं|
केला किसान संघ के अध्यक्ष किरण चव्हाण ने बताया कि केला उत्पादकों ने पुणे में एक केला अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की मांग भी मुख्यमंत्री से की है| उन्होंने कहा कि इससे किसानों को काफी फायदा होगा| किरण चव्हाण ने बताया कि एक एकड़ में केले की खेती के लिए कम से कम डेढ़ लाख का खर्च आता हैं| ऐसे में किसानों को इस समय कम रेट में केला बेचना पड़ रहा है| इससे किसानों भारी नुकसान हो रहा हैं इसलिए किसानों की मांग है कि केले का दाम 18.90 रुपये प्रति किलो दिया जाए| साथ ही उन्हें केले के पौधे बेचने की अनुमति मिलने मांग की हैं|
केले का MSP घोषित करने के साथ ही महाराष्ट्र में केला रिसर्च सेंटर बनाने की मांग की है| संघ के अध्यक्ष ने कहा कि केला अनुसंधान केंद्र में केले से अन्य उत्पाद बनाए जा सकते हैं| अगर इसमें जैम, जेली, चिप्स, केला पाउडर, धागा बनाने, खाद खाद जैसे कई उद्योग बनाए जाएं तो किसानों को ज्यादा फायदा होगा| केला अनुसंधान केंद्र में किसानों को सरकार द्वारा प्रशिक्षित किया जाए. इसका फायदा किसानों को मिलेगा|
केले के MSP पर मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
केला किसान संघ की तरफ से केला का MSP की मांग परमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सकारात्मकता दिखाई है| संघ से मिली जानकारी के मुताबिक किसानों की सभी मांगों को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया है| किरण चव्हाण ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग की बैठक कर रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है| मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एक महीने में ही रास्ता निकालते हैं| मुख्यमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में केला किसान संघ के उपाध्यक्ष डॉ. राहुल बचाओ, विशेषज्ञ निदेशक रवि दिग्गे, शंभू सेना प्रमुख अतुल माने पाटिल उपस्थित थे|