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जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में बारिश - तूफान बना सियासी मुद्दा
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में बारिश - तूफान बना सियासी मुद्दा

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में बारिश – तूफान बना सियासी मुद्दा

कश्मीर घाटी में चुनावी रंगत बदल रही है। हाल ही में आंधी, तूफान, बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। सेब, बादाम, मक्का जैसी फसलों की बरबादी से किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट है। सियासी पार्टी पीडीपी और नैशनल कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों ने चुनावी मुद्दा बनाया है और केन्द्र सरकार से मुआवजा देने की मांग उठाई है।

घाटी में फसल बीमा योजना लागू करने की पुरजोर मांग करते हुए किसानों ने फसलों की भरपाई को ज़रूरत बतायी है। चेरी की खेती करने वाले किसानों को हुए नुकसान का आकलन खासतौर पर करने के लिए तुरंत कदम उठाना होगा। नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के अनुसार तत्काल कार्रवाई की जरूरत है ताकि सही उचित मुआवजा तय किया जा सके जिसे जरूरतमंदों को तेजी से बांटा जा सके। साथ ही प्रभावित लोगों को उचित और समय पर सहायता सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आधार पर मुआवजा दिया जाना चाहिए। साथ ही अपील की कि भारत सरकार बिना किसी देरी के जम्मू-कश्मीर में फसल बीमा योजना को लागू करे।

जम्मू कश्मीर में खराब मौसम ने फलों और अनाज उत्‍पादन पर पर कहर बरपाया है। इससे कई छोटे किसानों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ा है। अब इन्‍हें अपने भरण-पोषण के लिए पर्याप्त मुआवजे की जरूरत है। इमरान का कहना था कि विनाशकारी मौसम की स्थिति ने धान, मक्का, सेब, चेरी, अखरोट और बादाम जैसी कई फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। पेड़ों के वनस्पति भाग नष्‍ट हो गए हैं और किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया है। इसके अलावा ओलावृष्टि की वजह से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों और पशुओं दोनों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही घरों और बिजली ट्रांसमिशन लाइनों को भी नुकसान पहुंचा है।

पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘कुलगाम में भारी बारिश और ओलावृष्टि ने सेब के बगीचों को तबाह कर दिया है. स्थानीय प्रशासन को नुकसान का आकलन करने और बागवानों को मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए बागवानी विभाग की एक टीम को तत्काल तैनात करना चाहिए।’ ‌। दूसरी ओर किसानों और बागवानों के लिए उचित मुआवजे की मांग करते हुए, एनसी के राज्य प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कुलगाम और शोपियां में ओलावृष्टि, बारिश और तेज हवाओं से फसलों को हुए भारी नुकसान का जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि नुकसान की गंभीरता है कि वर्तमान प्रशासन इस पर तुरंत ध्यान दे।

जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में मतदान तय है। लेकिन इससे पहले ही मौसम की वजह से हुआ नुक़सान और केन्द्र सरकार की ख़ामोशी बड़ा मुद्दा बना है।

चुनावों से पहले दक्षिण कश्‍मीर में आया तूफान नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के लिए बड़ा चुनावी मसला बन गया है। दोनों पार्टियों ने कुलगाम और शोपियां जिलों के कई हिस्सों में चली तूफानी हवाओं और तेज बारिश की वजह से बागों को हुए भारी नुकसान पर चिंता जताई है। साथ ही पार्टियों की तरफ से किसानों के लिए मुआवजे की मांग की गई है।पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने एक्‍स पर एक पोस्‍ट लिखकर इस बारे में जिक्र किया है। वहीं एनसी की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है।

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