स्वस्थ रहने की ललक और इस बारे में जागरूक बढ़ने के साथ ही भारत सहित अन्य देशों में भी नारियल और नारियल पानी की मांग लगातार बढ़ रही है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा नारियल उत्पादक देश है और 2021-22 के दौरान दुनिया के कुल उत्पादन में लगभग 31.45% हिस्सा रहा, जिसमें 19,247 मिलियन नट्स का उत्पादन हुआ।
नारियल प्रसंस्करण गतिविधियों में तमिलनाडु पहले नंबर पर है व नारियल खेतीगत क्षेत्र की दृष्टि से कोयम्बटूर प्रथम है, जहां 88,467 हेक्टेयर क्षेत्र में नारियल की खेती हो रही है। श्री तोमर ने कहा कि यहां के लोग नारियल क्षेत्र के विकास व कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। नारियल विकास बोर्ड छोटे-सीमांत किसान एकीकृत कर त्रिस्तरीय किसान समूह बना रहा है। राज्य में वर्तमान में 697 नारियल उत्पादक समितियां, 73 नारियल उत्पादक फेडरेशन एवं 19 नारियल उत्पादक कंपनियां हैं। भारत में प्रति वर्ष 3,638 मिलियन नारियल की प्रसंस्करण क्षमता के साथ 537 नई प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने हेतु समर्थन दिया गया है।
सरकार की मंशा है कि नारियल खेती के लिए अनुकूल जलवायु वाले देश के 27 राज्यों में किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए। फिलहाल भारत नारियल अर्थव्यवस्था में दूसरे और तीसरे स्थान के बीच है। भारत से छोटे देश फिलीपींस और इंडोनेशिया इसकी खेती और उत्पादन में आगे हैं। कृषि एक्सपर्ट ने कहा कि हमें ताड़ की खेती की जगह नारियल की खेती को बढ़ावा देना होगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के उप महानिदेशक बागवानी विज्ञान एसके सिंह ने केरल के कासरगोड में केंद्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान के कार्यक्रम में कहा कि भारत को वैश्विक नारियल अर्थव्यवस्था में शीर्ष पर पहुंचने के लिए नारियल आधारित उत्पादों की विशाल क्षमता का पता लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को नारियल की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही जलवायु अनुकूल बीजों को विकसित करने की जरूरत है।
उप महानिदेशक बागवानी विज्ञान एसके सिंह ने कहा कि भारत वैश्विक नारियल अर्थव्यवस्था में दूसरे और तीसरे स्थान के बीच झूल रहा है। देश को नंबर एक बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास वनस्पति तेल की भारी मांग है। लेकिन, तेल सिर्फ एक क्षेत्र है। हमारे पास प्रॉसेसिंग के रूप में दुनिया को देने के लिए लगभग 200 उत्पाद हैं, जहां हम अग्रणी हो सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि फिलीपींस और इंडोनेशिया जैसे छोटे देश इस मामले में शीर्ष पर हैं। इस बारे में श्री सिंह ने कहा है कि जब देश के 27 राज्य नारियल की फसल उगा सकते हैं तो भारत तालिका में शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं हो सकता। नारियल की खेती के विस्तार के लिए सरकार जलवायु अनुकूल बीजों पर काम कर रही है। गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले पीएम मोदी ने नारियल की कुछ किस्मों को लॉन्च भी किया है। इसके अलावा किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए एक्शन प्लान पर काम किया जा रहा है।