उत्तर प्रदेश की योगी-सरकार प्रदेश के गांवों की 24 लाख से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩे की तैयारी है। इसके लिए दो लाख से अधिक नए समूहों का गठन किया जाएगा। सरकार इसी वित्तीय वर्ष में गठित 3.30 लाख समूहों के खाते में 1500 करोड़ रुपए भेजेगी। गांवों में सक्रिय समूहों को आजीविका से जोडऩे के लिए 1300 नए उत्पादक समूहों का भी गठन किया जाना प्रस्तावित है।
उत्तरप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक भानुचंद गोस्वामी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में दो लाख नए स्वयं सहायता समूहों के गठन का लक्ष्य रखा गया है। इन नए समूहों के गठन से करीब 24 लाख से अधिक महिलाएं जोडऩे की तैयारी है। समूहों से जुडऩे वाली महिलाओं को स्वरोजगार प्रदान करने में सहायता की जाएगी। नए समूहों के गठन की कार्ययोजना केंद्र सरकार को भेजी गई है। स्वीकृति मिलने के साथ ही इस योजना पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
यूपी सरकार की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समर्थ योजना चलाई जा रही है। यह योजना 22 फरवरी 2021 से शुरू की गई है। इस योजना के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 200 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं का उत्थान तथा सशक्तिकरण करना है। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को रोजगार के प्रति प्रेरित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और इससे औद्योगिक क्षेत्र का भी विकास होगा।
प्रदेश में करीब 90 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग है। इनमें से 80 लाख से अधिक सूक्ष्म इकाइयों में स्थापित है। जो कि होम एंड कॉटेज उद्योगों के अंतर्गत संचालित किए जाते हैं। इन उद्योगों में महिलाओं द्वारा संचालित किए जाने वाले उद्यमों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। इस योजना के पहले चरण में 200 विकास खंडों में महिला सामान्य सुविधा केंद्र विकसित किए जाएंगे। इन केंद्रों पर प्रशिक्षण, सामान्य उत्पादन और प्रसंस्करण, तकनीकी अनुसंधान और विकास, पैकेजिंग, लेवलिंग, बारकोडिंग सुविधा जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। प्रत्येक सुविधा केंद्र का 90 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।