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छत्तीसगढ़ सरकार बेसहारा गौ वंश को रेडियम बेल्ट पहनाकर रोकेगी सड़क हादसे

अब छत्तीसगढ़ की भूपेन्द्र बघएल- सरकार ने एक अनूठी पहल की है। सूबे में सड़कों- गलियों में बेसहारा पशुओं को रेडियम बेल्ट पहनाने की तैयारी में है। इससे इन पशुओं की वजह से होने वाली सड़क हादसे रोकने में मदद मिलेगी। सूबे में बेसहारा पशुओं की वजह से सड़कों पर हादसे होने की तादाद बढ़ी है।

छत्तीसगढ़ में किसानों ने मवेशियों के चारे का संकट बता कर अपने गोवंश को बेसहारा छोड़ दिया है। यह समस्या उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में भी है। इस वजह से इन राज्यों में गाय और बैल सड़कों पर बेरोक-टोक घूमने को अभिशप्त हो गए हैं। इससे सड़क हादसों में भी इजाफा हुआ है। छत्तीसगढ़ में सरकार ने बेसहारा गोवंश से सड़क हादसों की समस्या से निपटने के लिए पशुपालकों पर जुर्माना लगाने और जानवरों को रेडियम बेल्ट पहनाने जैसे उपाय किए हैं।

किसान अपने पशुओं को बेसहारा न छोड़ें इसके लिए बघेल-सरकार ने पहले से ही गोधन न्याय योजना के तहत पशु पालकों को गोबर सरकार को देकर भुगतान प्राप्त कर लेती है। इस योजना की मंशा भी सड़कों से मवेशियों को हटाना है। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने, किसान अपने पालतू पशु घर में बांध कर रखें, इसके लिए ‘गोधन न्याय योजना’ चलाकर पशुपालकों से गोबर खरीद कर इससे वर्मी कम्पोस्ट बनाकर प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को इसे रियायती दरों पर बेचने की पहल की है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में किसान अन्ना कुप्रथा से खुद को अलग नहीं रख पा रहे हैं।

इस अभियान के तहत बीजापुर जिला प्रशासन ने पशुपालकों पर जुर्माना लगाने और सड़कों पर घूमते पाए गए गोवंश को रेडियम बेल्ट पहनाने का अभियान चलाया है। इसके तहत जिले के ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने घोषणा कर दी है कि सड़कों, सार्वजनिक स्थलों और पार्कों में जिस पशुपालक के जानवर आवारा घूमते पाए जाएंगे उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। इसके अलावा ऐसे पशुपालक के जानवरों को निकटतम कांजी हाउस में भेज दिया जाएगा। इसके बाद भी पशुपालक द्वारा अपने पालतू पशु नहीं बांधने पर उसके विरुद्ध जुर्माना राशि वसूलने के साथ पशु अतिचार अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जाएगी।

छत्तीसगढ़ सूबे में राजमार्गों के नजदीक बसे जिन गांवों में तत्काल आवारा पशुओं को कांजी हाऊस में भेजना संभव नहीं है, वहां सड़कों पर पाए गए आवरा गोवंश को रेडियम बेल्ट की पट्टी पहनाई जा रही है। जिससे रात के समय वाहन चालकों को रेडियम बेल्ट की चमक नजर में आ जाये और संभावित हादसे को टाला जा सके। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि इस मुहिम के तहत अब तक 446 गोवंश के गले में रेडियम बेल्ट की पट्टी लगाई जा चुकी है। यह पट्टी रात में वाहन की लाइट की रोशनी पड़ने पर चकमती है।

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