tag manger - छत्तीसगढ़ : सरकार बदलते ही गोबर की सरकारी खरीद बंद, 13000 किसानों का पैसा फंसा – KhalihanNews
Breaking News

छत्तीसगढ़ : सरकार बदलते ही गोबर की सरकारी खरीद बंद, 13000 किसानों का पैसा फंसा

छत्तीसगढ़ में पहले कांग्रेस की सरकार थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति अच्छी करने के लिए सरकारी स्तर पर गोबर खरीदने की पहल की। लाखों किसानों को इस योजना का लाभ पहुंचा। भाजपा की सरकार आने के साथ इस योजना को बंद कर दिया गया है।

सूबे के धमतरी जिले में ही सत्ता परिवर्तन होते ही गोधन न्याय के तहत गोबर खरीदी पर ब्रेक लग गया है। जिले के 355 गौठानों में पिछले 5 महीने से गोबर की खरीदी बंद है। 1 दिसंबर से 15 दिसंबर-2023 तक 13 हजार किसानों ने गौठानों में गोबर बेचा है, जिसकी 5 लाख की राशि का अब तक भुगतान नहीं हुआ है।

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शासन द्वारा गोधन न्याय योजना 20 जुलाई 2020 को शुरू की गई है। जिले में 355 गांवों में सक्रिय गौठान बनाया गया है। इसमें 347 ग्रामीण और 8 शहरी क्षेत्र में स्थित है। अब तक की स्थिति में 13 हजार 113 पंजीकृत पशुपालकों से 5 लाख 8 हजार 236 क्विंटल गोबर खरीदा गया है।

सूबे के सभी जिलों में यही हाल है। मिली जानकारी अनुसार धमतरी जिले में वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट को मिलाकर कुल 1 लाख 45 हजार 8 क्विंटल कंपोस्ट खाद बनाया गया है। इसमें से 1 लाख 22 हजार 562 क्विंटल खाद का विक्रय हुआ। इसी तरह सुपर कंपोस्ट 4784.20 क्विंटल उत्पादन हुआ। 3531 क्विंटल का विक्रय भी किया गया है। सितंबर-2023 से गौठानों में गोबर खरीदी बंद होने के साथ ही कई गौठानों में खाद का स्टाक शेष है। अब गौठानों में ग्रामीण कंडे बनाकर सुखा रहे हैं।

पहले, सरकार के गोबर खरीदी शुरू होने से शहरी क्षेत्र में लोगों को काफी राहत मिली थी। यहां 110 डेयरियां हैं। मवेशियों की संख्या करीब 12 सौ है। डेयरियों से निकलने वाले गोबर को डेयरी संचालक बेच रहे थे। इससे नाली के साथ ही वार्डों में गंदगी भी कम होती थी। अब गोबर को नालियों में बहाया जा रहा। अब गोबर से जाम है।

About admin

Check Also

छत्तीसगढ़ : बजट में किसानों को धान की अंतरराशि देने के लिए 1200 करोड़ रुपए

छत्तीसगढ़ में नयी गठित भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा बजट पेश किया गया है। …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *