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उत्तर प्रदेश के 88 हजार गांवों तक बस सेवा, बचे 12200 गांवों तक भी जल्दी बसें चलाना तय

सूबे में सरकार प्रदेश के हर गांव तक परिवहन निगम की बस सेवा को पहुंचाने के लिए कमर कसे हुए है। परिवहन निगम के माध्यम से सरकार अब तक प्रदेश के 88 हजार गांवों तक बस सेवा मुहैया करा चुकी है। बाकी बचे 12200 गांवों तक भी बस सेवा जल्द मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अनुबंधित बसों के माध्यम से लक्ष्य को पूर्ण करने की योजना बनाई है।

विधानसभा में बीती 10 अगस्त को पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि हाल ही में उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के एक कार्यक्रम में स्वयं सीएम योगी ने मंच से प्रदेश के प्रत्येक गांव तक बस सेवा मुहैया कराने की अपील की थी।

विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार इस मुहिम के तहत कार्य कर रही है और जल्द ही प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा उपलब्ध न हो। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके। परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल एक लाख 10 हजार 118 बसें संचालित हैं। इनमें 81हजार 70 निगम की बसें हैं और 29हजार 48 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।

परिवहन मंत्री ने निगम की आय से संबंधित एक सवाल जवाब में कहा- पहले जहां परिवहन निगम को प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी तो अब यह 18 करोड़ से 21 करोड़ प्रतिदिन के बीच तक पहुंच गई है।

प्रदेश में डग्गामार बसों से संबंधित प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने डग्गामार शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी बस ऐसी नहीं मिलेगी जो बिना नेशनल परमिट के चल रही हो। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है। उन्होंने कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है। इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

केन्द्र सरकार भारतीय रेलवे के स्टेशनों की तरह से ही उतर प्रदेश सरकार भी सूबे में बस अड्डों को एयरपोर्ट की तरह आधुनिक बनाने का काम शुरू कर रही है। इसके लिए 5 बस अड्डों (गाजियाबाद, कौशांबी, आगरा, प्रयागराज, लखनऊ) के विभिन्न बस अड्डों के कायाकल्प के लिए एमओयू हो चुका है और जल्द ही मुख्यमंत्री इसका शिलान्यास करेंगे। इसके अतिरिक्त 8 बस अड्डों के आधुनिकीकरण के लिए आपसी सहमति होनी हैं और 18 के लिए टेंडर जारी करने जा रहे हैं।

सदन में बताया गया कि परिवहन निगम की बसों में 60 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को निशुल्क यात्रा की योजना मुख्यमंत्री के संकल्प में है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।PHOTO CREDIT – google.com

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