tag manger - बिहार : मिथिला के मखाने को मिला GI टैग, अब दुनिया के बाज़ारों में होगा निर्यात – KhalihanNews
Breaking News

बिहार : मिथिला के मखाने को मिला GI टैग, अब दुनिया के बाज़ारों में होगा निर्यात

बिहार के मिथिला के मखाना को जीआइ (भौगोलिक सूचक) टैग मिल गया है| इस मुकाम तक पहुंचने के लिए पांच साल में एक हजार से अधिक पेजों पर मखाना के ऐतिहासिक दस्तावेजों को संग्रहित किया गया था| इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल करने वाले बिहार के कृषि उत्पाद की संख्या पांच हो गयी है|

वर्ष 2016 में भागलपुर का जर्दालू आम और कतरनी धान, नवादा का मगही पान तथा मुजफ्फरपुर की शाही लीची को जीआइ टैग मिल चुका है| भारत में मखाना उत्पादन का कुल 90 प्रतिशत उत्पादन बिहार में होता है, इसलिए मखाना फसल का भौगोलिक सूचक में मिथिला मखाना के नाम से प्रस्तावित किया गया था|

मखाना का जीआइ टैगिंग से किसानों को विपणन में अधिक से अधिक लाभ मिलेगा| राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मखाना की विशेष ब्रांडिंग होगी साथ ही साथ किसानों की सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति होगी| उद्यान निदेशालय द्वारा मखाना के विकास के लिए विशेष योजना संचालित की जा रही है|

इस योजना के अंतर्गत मखाना उत्पादक मुख्य नौ जिलाें मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया, कटिहार व पूर्णिया के अलावा दो नये जिलों सीतामढ़ी एवं पश्चिमी चंपारण को भी मखाना विकास योजना में शामिल किया गया है| राज्य स्तर पर भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया को नोडल केंद्र बनाया गया है|

देश में लगभग 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मखाने की खेती होती है, जिसमें 80 से 90 फीसदी उत्पादन अकेले बिहार में होता है। इसके उत्पादन में 70 फीसदी हिस्सा सिर्फ मिथिलांचल का है।लगभग 120,000 टन बीज मखाने का उत्पादन होता है, जिससे 40,000 टन मखाने का लावा प्राप्त होता है। देश में मखाने का कुल कारोबार 550 करोड़ रुपए का है।

प्रति 100 ग्राम भुने मखाने में 9.7 फीसदी प्रोटीन, 75 फीसदी कार्बोहाइड्रेट, आयरन और वसा के अलावा 382 किलो कैलोरी मिलती है। इसमें दूध और अंडे के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है। अगर इसे नियमित खाया जाए तो यह काफी हेल्दी है।

About admin

Check Also

श्री पाण्डेय ने कहा -उन्होंने कहा, 'हम लोगों ने कृषि यंत्रों के ल‍िए 186 करोड़ रुपये अनुदान देने का निर्णय किया है। इसके तहत 75 प्रकार के यंत्र दिए जाते हैं। इसमें सरकार की ओर से क‍िसान को 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। अनुदान देने का मकसद आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल करने के ल‍िए प्रोत्‍साह‍ित करना है।'

बिहार : नीतीश ने किया कृषि मेला का उद्घाटन, बोले- प्रदेश में पहले कुछ नहीं होता था

राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कृषि मेला का उद्घाटन किया। इस …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *