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झारखंड : ‘जोहार-परियोजना’ से बदल रहा है गांव का चेहरा

जोहार एग्री मार्ट एक अभिनव पहल है| वर्तमान में जोहार परियोजना अंतर्गत राज्य के कुल 17 जिलों के 68 प्रखंडों में 3900 उत्पादक समूहों का गठन कर करीब 2.10 लाख से ज्यादा परिवारों को जोड़ा गया है, जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई है|

इस परियोजना के जरिये ग्रामीण परिवारों को उत्पादक समूह एवं कंपनियों से जोड़कर उन्नत खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन, सिंचाई, लघु वनोपज आदि गतिविधियों के द्वारा उनकी आय में गुणात्मक बढ़ोतरी के कार्य हो रहे हैं| राज्य के 11 जिलों में जोहार एग्री मार्ट का संचालन हो रहा है. इससे करीब 4 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है. इसके तहत 73.40 लाख से अधिक का कारोबार किया गया है|

जोहार एग्री मार्ट में उत्तम खाद, बीज, कृषि यंत्र सुविधा, मौसम की जानकारी, बाजार सुविधा, मिट्टी जांच, मछली/पशु चारा आदि सेवाएं प्रदान की जा रही है| एग्री मार्ट के जरिए खाद-बीज के अलावा अन्य कृषि सामाग्री की भी बिक्री की जा रही है| उत्पादक कंपनी से जुड़े किसानों को एग्री मार्ट के व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए तकनीकी सलाहकारों से जोड़ा गया है| ये सलाहकार सुबह 10.30 से शाम 5 बजे तक रोजाना किसानों को खेती से जुड़ी जानकारी और दिक्कतों का हल बताते हैं|

झारखंड के 11 जिलों में संचालित ‘जोहार एग्री मार्ट’ किसानों की पहली पसंद बनती जा रही है. उत्पादक समूह से जुड़े हजारों किसानों के अलावा आम किसानों को भी खाद-बीज एवं अन्य कृषि सामाग्री खरीदने के लिए दूर बाजार नहीं जाना पड़ता है| वहीं, सामग्री की गुणवत्ता को लेकर भी अब चिंता नहीं रहती है| जोहार एग्री मार्ट में उत्तम खाद, बीज, कृषि यंत्र सुविधा, मौसम की जानकारी, बाजार की सुविधा, मिट्टी जांच, मछली/पशु चारा आदि सेवाएं प्रदान की जा रही है| जोहार एग्री मार्ट के जरिये खाद-बीज के अलावा अन्य कृषि सामाग्री की भी बिक्री की जा रही है, जैसे- DAP, यूरिया, कुदाल, फावड़ा, कीटनाशक, पशु आहार आदि|

जोहार एग्री मार्ट के जरिये उच्च गुणवत्ता वाले खाद-बीज उचित मूल्य पर उपलब्ध हो रहे हैं| धान की फसल के समय जोहार एग्री मार्ट के जरिये लगभग 10 प्रतिशत कम कीमत पर खाद-बीज की खरीदारी की थी| धान की फसल अच्छी हुई. हाल के दिनों में मिर्च का उत्पादन किया| बीज जोहार एग्री मार्ट से खरीदा| गुणवत्तापूर्ण बीज से अत्यधिक उत्पादन हुआ| इससे अच्छा मुनाफा हुआ है|

झारखंड ग्रामीण विकास विभाग की ‘जोहार परियोजना’ किसानों की उपज को बाजार तो आम लोगों को ताजा फल-सब्जियां उपलब्ध करवा रही है. इस योजना से महिला किसानों को काफी फायदा हो रहा है|

राज्य में 3244 उत्पादक समूहों के तहत हजारों किसानों को खेतीबाड़ी के काम और बाजार उपलब्ध करने में सहयोग किया जा रहा है, जिससे लॉकडाउन में किसानों की आय सुनिश्चित हो सके एवं मौसमी उत्पादों को बाजार से जोड़ा जा सके|

ग्रामीण विकास विभाग के मुताबिक, जोहार परियोजना ने बड़े सब्जी विक्रेताओं से सीधा संपर्क कर और जिला प्रशासन से मंजूरी लेकर 335 उत्पादक समूहों से जुड़े किसानों के उपज को सीधा बाजार से जोड़ने का काम किया| इससे किसानों को उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सकी|

विभिन्न जिलों के किसानों ने 9 उत्पादक कम्पनियों के जरिए अबतक 1000 मीट्रिक टन सब्जियों एवं फलों की बिक्री कर 90 लाख का कारोबार किया गया है|

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