गेंदा की हिसार जाफरी तथा हिसार ब्यूटी किस्में काफी अच्छी पैदावार देती हैं। हिसार ब्यूटी बौने आकार की लंबे समय तक फूल देने वाली तथा रोपाई के 40 से 45 दिन बाद फूल देने लगती है। हिसार जाफरी किस्म 60 से 65 दिन बाद फूल देना शुरु कर देती है। इसके अलावा फ्रेंच किस्में रस्टी रेड व बटर स्कोच तथा अफ्रीकन गेंदा की अफ्रीकन जॉइंट येलो, अफ्रीकन जॉइंट ओरेन्ज, गोल्ड स्मिथ किस्में भी किसान लगा सकते हैं।
गेंदा की पहले पौध तैयार की जाती है, इसके बाद इसकी खेत में रोपाई की जाती है। गेंदे की पौध तैयार करने के लिए इसकी बिजाई जून से सितंबर तक कर देनी चाहिए। निरंतर फूल प्राप्ति के लिए 15 से 20 दिन के अंतर पर पौधशाला में बिजाई व खेत में पौधरोपण करते रहना चाहिए। पौधशाला में गोबर की गली सड़ी खाद मिला दें। बीज क्यारियों में डालने के बाद बारीक गोबर की खाद की हल्की परत से ढक दें तथा सिचाई कर दें।
नर्सरी में पौधे लगभग आठ से 10 सेंटीमीटर के हो जाएं तब उन्हें तैयार किए गए खेत में रोपाई कर के सिचाई कर देनी चाहिए। गोबर की खाद खेत की तैयारी के समय ही डाल देनी चाहिए। अंतिम जुताई से पहले 100 किलोग्राम यूरिया, 170 किलोग्राम डीएपी तथा 50 किलो म्यूरेटओफ पोटाश प्रति एकड़ डालना चाहिए। पौधारोपण के 30 व 60 दिन बाद 50-50 किलो यूरिया दो बार खड़ी फसल में डालकर सिचाई कर देनी चाहिए।
हिसार ब्यूटी का पौधा बौना होता है और रोपाई के 40-45 दिन में ही यह फूल देना आरंभ कर देती है। यह किस्म सजावट के लिए बेहतरीन है। इसकी प्रति एकड़ 10.3 टन तक उपज देती है। हिसार जाफरी किस्म रोपाई के 60-64 दिन बाद फूल देना शुरू कर देती है। इसके फूल लंबे समय तक ताजा रहते हैं। इसकी 7.44 टन प्रति एकड़ फूलों की उपज होती है।
किस्म की पौध तैयार करने के लिए जुलाई से सितंबर के बीच इसके बीज बोने चाहिए। बीज को क्यारियों में डालने के बाद बारीक गोबर की खाद की हल्की परत चढ़ायें और क्यारियों को सूखी घास या पत्तियों से ढ़क दें। ध्यान रखें कि पौधों की सिंचाई सर्दियों में 10-15 दिन के अंतर पर और गर्मियों में 5 से 7 दिनों के अंतर पर ही करें। अगर आप इसकी किस्म को नर्सरी से उखाड़कर कर रहे हैं तो खाद का प्रयोग सही ढंग से करें ताकि इनकी बढ़वार अच्छी हो सकें।