प्रयागराज, 25 अक्टूबर
इस महाकुंभ में प्रयागराज का ऐतिहासिक अलोपशंकरी मंदिर, जो दुनिया का इकलौता बिना मूर्ति वाला शक्तिपीठ है, श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर इस सिद्धपीठ का पुनर्निर्माण तेजी से चल रहा है। अब तक 55% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, और इसे 15 दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इस कार्य के लिए सरकार ने 7 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की है, ताकि महाकुंभ में यहां आने वाले भक्तों को भव्य और अद्वितीय अनुभव मिल सके।
अनोखा मंदिर: न मूर्ति, न प्रतिमा
प्रयागराज के दारागंज क्षेत्र में स्थित इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां देवी की कोई मूर्ति नहीं है। मंदिर के गर्भगृह में एक रंगीन कपड़ा लटकता है, जिसके नीचे एक खटोली बंधी रहती है। भक्तगण इस खटोली के पास माला-फूल चढ़ाकर दर्शन करते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, सती की अंगुली यहां गिरने से यह स्थान शक्तिपीठ बन गया और इसका नाम अलोपशंकरी पड़ा। मंदिर के बाहर गणेश, शिव, कार्तिकेय, और हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित हैं।
सभी धर्मों के लोग आते हैं मंदिर
इस मंदिर की विशेषता यह भी है कि यहां सभी धर्मों के लोग दर्शन करने आते हैं। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में आने से बीमारियां ठीक हो जाती हैं और बच्चे स्वस्थ हो जाते हैं। मंदिर में बने कुंड के पानी को चमत्कारी माना जाता है, जिसे लेकर मान्यता है कि इसके जल से कई बीमारियों का उपचार हो सकता है।
महाकुंभ का इतिहास: विदेशी लेखकों का भी उल्लेख
प्रयागराज के महाकुंभ का उल्लेख विदेशी लेखकों ने भी अपनी किताबों में किया है। प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक मार्क ट्वैन ने 1896 में प्रयागराज की यात्रा की थी और यहां के धार्मिक आयोजन को अद्भुत बताया। उन्होंने अपनी किताब में लिखा कि यह स्थान मानवीय भाषाओं की जननी है, और इसे देखने के बाद कहीं और जाने की जरूरत नहीं। सातवीं शताब्दी के चीनी यात्री व्हेनसांग ने भी महाकुंभ के इस सांस्कृतिक उत्सव का वर्णन अपनी यात्राओं में किया है।
योगी सरकार की कोशिश है कि इस महाकुंभ में सभी श्रद्धालु दुनिया के सबसे भव्य सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बनें। सरकार ने महाकुंभ की तैयारी के लिए साढ़े छह हजार करोड़ रुपए की 500 से अधिक परियोजनाओं को कार्यान्वित करना शुरू कर दिया है, ताकि यह महाकुंभ विशेष और यादगार बने।
मेडिकल की सीटें बढ़ाकर योगी श्री आदित्यनाथ जी की सरकार ने उपयोगी कार्य किया है।