बीजेपी इस बार आदिवासी वोटों को साधने के लिए पूरा दमखम लगा रही है, लेकिन कांग्रेस और जेएमएम का भी दारोमदार इसी वोटबैंक पर टिका हुआ है। ऐसे में राहुल गांधी 50 फीसदी ईसाई आबादी वाले सिमडोगा से चुनावी अभियान के लिए चुनकर बड़ा संदेश दिया है।
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार थमने में महज तीन दिन बचे हैं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस अभियान में अब उतर रहे हैं। ईसाई बहुल सिमडेगा इलाके से राहुल गांधी कांग्रेस के चुनावी अभियान का शंखनाद करेंगे और उसके बाद लोहरदगा में दूसरी जनसभा संबोधित करेंगे। इस तरह शुक्रवार को राहुल अपनी दो रैलियों के जरिए झारखंड में बीजेपी के गढ़ को भेदने और दक्षिण छोटा नागपुर बेल्ट की 15 विधानसभा सीटों का साधने का प्लान बनाया है। बीजेपी की उम्मीदें भी इस इलाके पर टिकी हुई हैं, जिसके चलते दोनों ही दलों के बीच शह-मात का गेम खेला जा रहा है।
झारखंड का दक्षिणी छोटा नागपुर प्रमंडल पांच जिलों, रांची, खूंटी, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा में फैला हुआ है। इस प्रमंडल की राजनीति कभी एकतरफा नहीं होती है। वर्ष 2000 में झारखंड अलग राज्य बनने के बाद विधानसभा चुनाव के दृष्टिकोण से देखें तो बीजेपी का गढ़ माना जाता था, लेकिन 2019 के चुनाव में जेएमएम-कांग्रेस ने इस किले को भेदने में कामयाब रही थी। इसके बावजूद बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला बराबर का रहा था, लेकिन इस बार दोनों ही दलों के बीच बढ़त बनाए रखने की जंग है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को झारखंड में पहले चरण की 43 सीटों के लिए अपने चुनावी सभा का आगाज ईसाई बहुल सिमडेगा से किया। गांधी मैदान में 28 मिनट के भाषण में उन्होंने आदिवासी, अंबानी-अडाणी और संविधान पर फोकस किया।
उन्होंने कहा- हम आदिवासियों, दलितों और पिछड़े की हक की बात करते हैं। इस पर मोदी जी कहते हैं कि राहुल गांधी देश तोड़ने वाली करता है। संसद में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोहरदगा में भी जनसभा को सम्बोधित करते हुए पार्टी के उद्देश्य और विचारधारा को स्पष्ट किया।
उल्लेखनीय है कि झारखंड में दो चरणों, 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा। पहले फेज में 43 सीटें और दूसरे फेज में 38 सीटों पर वोट पड़ेगा। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा।