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सरकार 2028 तक पूरे देश में केवल फोर्टिफाइड चावल वितरित करेगी
सरकार 2028 तक पूरे देश में केवल फोर्टिफाइड चावल वितरित करेगी

सरकार 2028 तक पूरे देश में केवल फोर्टिफाइड चावल वितरित करेगी

भारत सरकार ने कुपोषण से लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत सभी सरकारी योजनाओं के अंतर्गत दिसंबर 2028 तक केवल फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जाएगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) जैसी योजनाओं में अब जो चावल वितरित होगा, वह आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B12 जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से समृद्ध होगा। सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित यह पहल, एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी जैसे गंभीर मुद्दों को दूर करने का लक्ष्य रखती है। इस कार्यक्रम से लाखों लोगों का पोषण बेहतर होगा और आयरन की कमी के जोखिम में 35% की कमी आएगी, जिससे प्रति वर्ष अनुमानित 16.6 मिलियन डिसएबिलिटी-एडजस्टेड लाइफ इयर्स (DALYs) बचेंगे।

भारत में फोर्टिफिकेशन पहले से ही स्वास्थ्य सुधार में सफल रहा है, जिसमें आयोडाइज्ड नमक के माध्यम से आयोडीन की कमी को कम करना एक प्रमुख उपलब्धि रही है। चावल फोर्टिफिकेशन की शुरुआत 2020 में 15 राज्यों में एक पायलट परियोजना के रूप में हुई थी, और मार्च 2024 तक इसे देशभर में 100% कवरेज के साथ पूरा कर लिया गया। यह पहल भारत के बड़े पोषण लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसमें कमजोर वर्गों, जैसे कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भोजन की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया गया है।

इस कार्यक्रम की प्रगति को बनाए रखने के लिए कई अन्य प्रमुख पोषण योजनाएं भी साथ-साथ चल रही हैं, जैसे कि पोषण अभियान, जो समग्र पोषण और स्वस्थ भोजन की आदतों को बढ़ावा देता है, और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY), जो गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के पोषण में सुधार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा, एकीकृत बाल विकास सेवाएं (ICDS) और प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (PM POSHAN), जो मिड-डे मील योजना का पुनर्गठित रूप है, बच्चों के पोषण पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

सरकारी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल का फोकस भारत की स्थायी विकास लक्ष्य 2 को पूरा करने की रणनीति का एक अहम हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हर प्रकार के कुपोषण को समाप्त करना है। इस पहल से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि कुपोषण से जुड़े स्वास्थ्य देखभाल खर्चों में भी भारी बचत होगी। फोर्टिफाइड चावल और बेहतर पोषण को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शामिल कर, भारत अपने नागरिकों के लिए एक स्वस्थ और मजबूत भविष्य की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।

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