tag manger - महाराष्ट्र के किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस हमलावर, बीजेपी से पूछा- क्यों नहीं रुक रहीं किसानों की आत्महत्या – KhalihanNews
Breaking News
महाराष्ट्र के किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस हमलावर, बीजेपी से पूछा- क्यों नहीं रुक रहीं किसानों की आत्महत्या

महाराष्ट्र के किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस हमलावर, बीजेपी से पूछा- क्यों नहीं रुक रहीं किसानों की आत्महत्या

महाराष्ट्र की विधानसभा चुनाव की प्रचार सभाओं में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के किसानों को सोयाबीन और कपास की सही कीमत नहीं मिलने का मुद्दा उठाया तो राजनीति गरमा गई। राहुल गांधी ने एमएसपी से भी कम दाम पर किसानों को फसल बेचने की मजबूरी पर राज्य की भाजपा सरकार को जमकर कोसा. वहीं, कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने महाराष्ट्र के चीनी उद्योग की उपेक्षा करने के आरोप लगाए। बता दें कि महाराष्ट्र के चीनी मिलर्स चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य को बढ़ाने की मांग बीते 6 साल से कर रहे हैं। जबकि, इथेनॉल के खरीद मूल्य को भी बढ़ाने की मांग की जा रही है, लेकिन केंद्र ने कोई फैसला नहीं लिया है। ध्यान देने वाली बात है कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनावों के मतदान होना और मतों की गिनती 23 नवंबर को होनी है।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि महाराष्ट्र के सोयाबीन और कपास किसान भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के कारण हताश और निराश हैं। सोयाबीन की कीमतें 2021 में 10,000 रुपए तक थीं, लेकिन अब किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम दाम में बेचने को मजबूर हैं। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,892 रुपए है लेकिन किसानों को 4,200 रुपए के आसपास बेचना पड़ रहा है। कई किसानों को तो और भी कम कीमत मिल रही है। अच्छी उपज के बावजूद सही दाम नहीं मिलने से सोयाबीन के किसान बेहद परेशान हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि महाविकास आघाड़ी (कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन) किसानों की तकलीफ को समझती है। हम सरकार बनाते ही सही दाम देने के लिए रास्ता निकालेंगे। उन्होंने कहा कि आज किसानों के साथ जूम (ऑनलाइन मीटिंग ऐप) के जरिए से बातचीत के दौरान मैंने यह भी दोहराया कि उन्हें राहत देने के लिए हमने ‘कृषि समृद्धि’ के तहत 3 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने की गारंटी दी है। साथ ही ‘महालक्ष्मी’ के तहत परिवार की महिलाओं के खातों में 3000 रुपए प्रति माह मिलने से भी उन्हें काफी राहत मिलेगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि अब चीनी मिलें खुद को मुश्किल में पाती हैं। वित्तीय बोझ के अलावा मिलें इथेनॉल और स्प्रिट के अपने मौजूदा स्टॉक से आग लगने के खतरे को लेकर चिंतित हैं। क्योंकि, यह बेहद ज्वलनशील पदार्थ है। गौरतलब है कि चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में 2019 से बढ़ोत्तरी नहीं की गई है, जबकि गन्ने का एफआरपी बढ़ाया जा चुका है, जिससे चीनी मिलों पर वित्तीय बोझ बढ़ गया है। इसके साथ ही इथेनॉल खरीद मूल्य में भी बढ़ोत्तरी की मांग की जा रही है।

दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पूछा कि महाराष्ट्र के औद्योगिक क्षेत्र से मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट पलायन क्यों कर रही हैं। उन्होंने केंद्र पर महाराष्ट्र के चीनी उद्योग की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस साल चीनी उत्पादन में कमी की आशंका के चलते केंद्र सरकार ने इथेनॉल के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाया, जिससे महाराष्ट्र में मिलर्स के पास कम से कम 925 करोड़ रुपये का स्टॉक पड़ा हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र के पूर्वानुमान आंकड़े गलत हैं क्योंकि गन्ने की प्रति एकड़ उपज वास्तव में 15 फीसदी से अधिक बढ़ गई है।

महाराष्ट्र के किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस हमलावर, बीजेपी से पूछा- क्यों नहीं रुक रहीं किसानों की आत्महत्या

About khalihan news

Check Also

महाराष्ट्र : कोल्हापुर के गुड़ को मिठास की चुनौती

महाराष्ट्र : कोल्हापुर के गुड़ को मिठास की चुनौती

कोल्हापुर का गुड़ जी,आई, टैग का दर्जा हासिल कर चुका है। यहां का गुड़ अपने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *