हरियाणा के पीने वाले पानी को लेकर जल जीवन मिशन ने बड़ा खुलासा किया है। हरियाणा के 20 हजार 194 पानी के सैंपलों की जांच में 13,828 सैंपल परीक्षण में फेल हो गए हैं। 5,126 पानी के नमूनों में आर्सेनिक (As) मरकरी (Hg) और यूरेनियम (U) की मात्रा अधिक मिली है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा पानी लंबे समय तक पीने से स्किन, लंग्स, किडनी और मूत्राशय में कैंसर का खतरा हो जाता है। राज्य के दूषित जल का मुद्दा दिसंबर में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी उठा। जिसके बाद सरकार ने इसकी रिपोर्ट तलब कर ली है।
हरियाणा के 18 जिले ऐसे हैं जो आंशिक रूप से भू जल में लवणता, लोहा और नाइट्रेट कंटेमिनेशन से प्रभावित मिले हैं। 21 जिलों के कुछ ऐसे इलाके भी हैं, जहां के भू जल में नाइट्रेट 45 MG प्रति लीटर के तय मानक से अधिक मिला है। 20 जिलों के कुछ हिस्सों में आयरन 1 MG प्रति लीटर से अधिक प्राप्त हुआ है।
जल जीवन मिशन की टीम ने पेयजल परीक्षण के लिए हरियाणा के ग्रामीण जल आपूर्ति के स्रोतों, वाटर सप्लाई पाइंट के साथ सार्वजनिक और निजी जल निकायों से सैंपल एकत्र किए। राज्य भर से मिशन की टीम ने लगभग 77 हजार सैंपल लिए। इनमें से 20,194 नमूनों की जांच की गई। फेल हुए सैंपल का आंकड़ा लगभग 16 प्रतिशत के करीब है।